• विश्व हिंदी सम्मेलन पर खर्च कर दिए 7 करोड़!

    भोपाल में पिछले साल 10 से 12 सितंबर तक चले 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन पर विदेश मंत्रालय ने सात करोड़ रुपये खर्च किए।...

    नई दिल्ली, 7 फरवरी। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले साल 10 से 12 सितंबर तक चले 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन पर विदेश मंत्रालय ने सात करोड़ रुपये खर्च किए। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब से यह जानकारी हासिल हुई है।

    आरटीआई के जवाब से यह खुलासा भी हुआ है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इस आयोजन के लिए 10 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। जवाब में यह भी कहा गया है कि कई मदों में भुगतान अभी किया जा रहा है, इसलिए कुल खर्च का ब्योरा अभी नहीं दिया जा सकता।

    व्हिसलब्लोअर अजय दुबे ने एक आरटीआई आवेदन के जरिए जनवरी 2016 में खर्च के ब्योरे की एक प्रति हासिल की थी।

    आवेदन में कहा गया है कि विदेश मंत्रालय के अलावा मध्य प्रदेश सरकार ने भी इस समारोह पर भारी राशि खर्च की। इस पर मंत्रालय ने कहा है कि उसे इस बारे में जानकारी नहीं है।

    आरटीआई जवाब के मुताबिक, लोगो डिजाइनर को 50 हजार रुपये नकद पुरस्कार दिया गया और 206,000 रुपये के डाक टिकट खरीदे गए। राज्य सरकार के माध्यम नामक संगठन को आयोजन प्रबंधन (इवेंट मैनेजमेंट) के लिए 3,30,28,538 रुपये भुगतान किया गया। इसके अलावा आयोजन के प्रचार-प्रसार पर 68,37,026 रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया गया।

    सम्मेलन में शामिल हुए प्रतिनिधियों को दिए गए बैग के लिए मेसर्स कोनी को 13,07,010 रुपये भुगतान किया गया। लेखन सामग्री, सूचना पुस्तिका और प्रमाणपत्र के लिए मेसर्स मैक्सक्रिएशन को 4,05825 रुपये दिए गए। मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड को स्थानीय परिवहन के लिए 60,24,497 रुपये और होटल के लिए 79,21,479 रुपये का भुगतान किया गया।


    मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लि. को खानपान के लिए 1,20,90,033 रुपये अलग से भुगतान किए गए।

    आरटीआई जवाब में कहा गया है कि मंत्रालय ने विदेशी साहित्य पर एक पुस्तक जारी करने पर 2,95,880 रुपये खर्च किए। ये पुस्तकें जोहांसबर्ग से लाई गईं थीं, जहां सितंबर 2012 में नौवां विश्व हिंदी सम्मेलन हुआ था। सुहासिनी जोशी के संगीत दल को 200,000 रुपये का मानदेय दिया गया।

    मंत्रालय ने उद्घाटन और समापन समारोह के लिए आयोजकों को 160,000 रुपये के भुगतान किए। स्मारिका की छपाई के लिए मेसर्स नरूला प्रिंटर्स को 356,699 रुपये भुगतान किए गए। विदेशी साहित्य के लेखकों एवं संपादकों को कुल 373,000 रुपये मानदेय के रूप में भुगतान किए गए।

    मंत्रालय ने विदेशी प्रतिनिधिमंडलों के यात्रा खर्च के रूप में 20,38781 रुपये खर्च किए। 42,901 रुपये की लागत से एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया और नियंत्रण कक्ष के परिवहन मद पर 49,284 रुपये खर्च किए गए। नियंत्रण कक्ष के लिए एक कार किराये पर लेने हेतु मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड को 50,160 रुपये अतिरिक्त दिए गए।

    आरटीआई जवाब में कहा गया है कि सम्मेलन के लिए प्रतिदिन समाचार-पत्र प्रकाशन के लिए माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय को 214,060 रुपये दिए गए। मंत्रालय ने सरकारी प्रतिनिधिमंडल के हवाई टिकट के लिए बामर लॉरी को 16,38422 रुपये भुगतान किए। दिल्ली में किराये पर ली गईं कारों के वास्ते फौजी ट्रैवल्स को 148,185 रुपये दिए गए।

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