• 'क्षेत्रीय एवं वैश्विक सुरक्षा' के लिए महासागरों में शांतिपूर्ण वातावरण बेहद अहम

    विशाखापत्तनम ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि 'क्षेत्रीय एवं वैश्विक सुरक्षा' के लिए महासागरीय वातावरण का शांतिपूर्ण और स्थायित्व भरा होना बेहद अहम है और 'मत्स्य पालन करने वाले देशों की यह साझा जिम्मेदारी' होनी चाहिए। ...

    विशाखापत्तनम !   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि 'क्षेत्रीय एवं वैश्विक सुरक्षा' के लिए महासागरीय वातावरण का शांतिपूर्ण और स्थायित्व भरा होना बेहद अहम है और 'मत्स्य पालन करने वाले देशों की यह साझा जिम्मेदारी' होनी चाहिए। यहां अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रीव्यू-2016 के दौरान दिए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने इसमें हिस्सा लेने वाले सभी देशों का आभार व्यक्त किया और कहा कि इससे 'समन्वयकारी और मित्रता का संदेश गया है, जिसे हमने बहुत ही अच्छी तरह संजोकर रखा है'।

    प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं अपने देशवासियों की ओर से इस आयोजन में हिस्सा लेने के लिए आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं।"

    प्रधानमंत्री ने साथ ही भारत की मेजबानी में इसी वर्ष अप्रैल में वैश्विक सामुद्रिक शिखर सम्मेलन के आयोजन की घोषणा भी की।

    उन्होंने कहा, "इस फ्लीट रीव्यू को बेहद सफल बनाने के लिए अथक मेहनत करने वाले भारतीय नौसेना से जुड़े महिला एवं पुरुष सैनिकों का मैं बेहद आभारी हूं। समुद्र वैश्विक समृद्धि की जीवनरेखा हैं। समुद्र हमें अपने देश के निर्माण के लिए अपार आर्थिक अवसर मुहैया कराते हैं।"

    उन्होंने कहा, "इस आयोजन की सफलता को आगे जारी रखते हुए भारत इसी वर्ष अप्रैल में वैश्विक समुद्र शिखर सम्मेलन का पहली बार आयोजन करेगा। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य भारत और सागर से जुड़े अन्य देशों के बीच व्यापार/निवेश/प्रौद्योगिकी एवं वाणिज्यिक संबंधों में मजबूती लाना होगा।"


    उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में विश्व राजनीति 'अशांत' है और इसकी चुनौैतियां 'जटिल' हैं।

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा के नजरिए से भी महासागर बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि पूरी दुनिया का 60 फीसदी तेल उत्पादन महासागरीय मार्ग से ही आपूर्ति होता है।

    इसके अलावा महासागरों में पनपी आतंक की नई चुनौतियों पर मोदी ने कहा, "महासागरों में पनपा आतंकवाद का जोखिम, जिससे भारत सीधे-सीधे पीड़ित है, क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए लगातार खतरा बना हुआ है।"

    अंतर्राष्ट्रीय नौसेना बेड़ा समीक्षा में पूरी दुनिया की करीब 50 नौसेनाओं ने हिस्सा लिया। आईएफआर का यह दूसरा आयोजन था।

    अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रीव्यू के शानदार आयोजन पर प्रधानमंत्री ने खुशी जताते हुए कहा, "मेरे लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सर्वश्रेष्ठ नौसेनाओं की समृद्ध परंपरा का अवलोकन शानदार अनुभव रहा।"

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