• आयकर अफसरों व यादव सिंह में 50 करोड़ की डील!

    नोएडा ! यादव सिंह मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। यादव सिंह के घऱ आयकर विभाग का छापा मारने वाली टीम पर गंभीर आरोप लगे हैं। यादव सिंह मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच में पीआईएल दायर करने वाली एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने 27 नवम्बर 2014 को यादव सिंह के घर पड़े आयकर छापे के बाद हुए ...

    यादव सिंह प्रकरण में एक और खुलासा नोएडा !   यादव सिंह मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। यादव सिंह के घऱ आयकर विभाग का छापा मारने वाली टीम पर गंभीर आरोप लगे हैं। यादव सिंह मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच में पीआईएल दायर करने वाली एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने 27 नवम्बर 2014 को यादव सिंह के घर पड़े आयकर छापे के बाद हुए उनके और आयकर अफसरों के बीच कथित डील के सम्बन्ध में सीबीआई को पत्र भेजा है। नूतन ठाकुर ने उन्हें प्राप्त एक गुमनाम पत्र का उल्लेख किया है जिसमे वर्तमान में गुडग़ांव में तैनात एक आयकर उपायुक्त का बुलंदशहर के एक कारोबारी के जरिए यह डील करने का आरोप है। पत्र में उस कारोबारी का मोबाइल नंबर देते हुए इन तीनों के कॉल डिटेल्स से इनके संबंधों की जानकारी की पुष्टि करने की बात कही गई है। नूतन ने कहा कि पत्र के अनुसार यह मामला 50  करोड़ में तय हुआ, जो नई दिल्ली हवाई अड्डा के पास रैडिसन होटल में तय हुआ और जिसमे पैसे का लेन-देन नोएडा के सेक्टर-44 में हुआ। अत: उन्होंने सीबीआई से इन तथ्यों की जांच करने का अनुरोध किया है। एक आईपी एड्रेस से दिए तीनों टेंडर स्वीकृत नूतन ठाकुर ने नोएडा प्राधिकरण द्वारा ग्राम बहलौलपुर के पास 30 मीटर रोड पर अंडरपास निर्माण हेतु 30 करोड़ के टेंडर में संभावित अनियमितता के सम्बन्ध में मुख्य सचिव आलोक रंजन से जांच की मांग की है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि इस निर्माण के लिए 23 नवम्बर 2015 तक आवेदन मांगे गए थे। इसमें पांच फर्म धर्मराज कॉन्ट्रैक्ट्स, आईएसपी कंस्ट्रक्शन, वुडहिल इंफ्रास्ट्रक्चर, द्वारिका प्रोजेक्ट्स और एचआर कंस्ट्रक्शन के हिस्सा लिया। इस टेंडर के सम्बन्ध में 15 जनवरी 2016 को तकनीकी बिड खोली गई जिसमें दो फर्म को अस्वीकृत कर दिया गया, लेकिन जिन तीन फर्म धर्मराज कॉन्ट्रैक्ट्स, आईएसपी कंस्ट्रक्शन और वुडहिल इंफ्रास्ट्रक्चर को स्वीकृत किया गया। इन सभी के आईपी एड्रेस एक ही हैं। 110.232 255.188। नूतन ने कहा कि एक आईपी एड्रेस होने का सीधा अर्थ है एक ही कंप्यूटर से टेंडर भरे गए हैं। इसके बाद भी प्राधिकरण ने इन तीनों फर्म के साथ सीधी मिलीभगत के कारण दरकिनार किया है। अब नूतन ठाकुर ने इस मामले की जांच की मांग की है।  


     

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