• राष्ट्रपति ने नौसेना के युद्ध पोतों का निरीक्षण किया

    सुनैना ! राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को विशाखापत्तनम में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू में हिस्सा लिया, जिसमें न सिर्फ भारतीय नौसेना ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया, बल्कि पूरी दुनिया की नौसेनाएं शांति के संदेश के साथ भारतीय तट पर इकट्ठी हुईं। राष्ट्रपति के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भी आयोजन में हिस्सा लिया।...

     सुनैना !   राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को विशाखापत्तनम में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू में हिस्सा लिया, जिसमें न सिर्फ भारतीय नौसेना ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया, बल्कि पूरी दुनिया की नौसेनाएं शांति के संदेश के साथ भारतीय तट पर इकट्ठी हुईं। राष्ट्रपति के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भी आयोजन में हिस्सा लिया। सभी सशस्त्रबलों के प्रमुख के तौर पर राष्ट्रपति ने नौसेना के युद्ध पोतों का निरीक्षण किया। इस क्रम में वह आईएनएस सुमित्रा पर सवार हुए और भारतीय नौसेना के 71 जहाजों वाले बेड़े का निरीक्षण किया। राष्ट्रपति ने अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू के बाद कहा कि विश्व में सद्भावना फैलाने, शांति के प्रसार और समुद्री सीमाओं में शांति बनाए रखने में पूरी दुनिया की नौसेनाओं की अद्वितीय भूमिका है। भारतीय नौसेना के गश्ती पोत आईएनएस सुमित्रा के बोर्ड पर बनाए गए मंच से राष्ट्रपति ने कहा कि पूरी दुनिया की नौसेनाओं को मौजूदा समुद्री क्षेत्र में पनपी नई-नई चुनौतियों से निपटने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में दूसरे देशों की उपस्थिति ने इस आयोजन को भव्यता प्रदान की है और आईएफआर के मूल संदेश को प्रतिबिंबित करती है, जिसमें कहा गया है कि मानवता वास्तव में महासागरों के माध्यम से ही जुड़ी हुई है। राष्ट्रपति ने कहा, "आईएफआर-2016 ने हमें पूरी दुनिया में मानवता का प्रसार करने के लिए हमारी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में एकजुट होने और साथ काम करने का मौका दिया है।" राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा, "मौजूदा दौर की राजनीति एवं अर्थव्यवस्था के वैश्विक स्वरूप को देखते हुए हमारा मानना है कि पूरी दुनिया की नौसेनाओं को समुद्री क्षेत्र में कहीं भी पनप रही नवीन चुनौतियों से निपटने पर अपना ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।" उन्होंने कहा कि भारत की भौगोलिक स्थिति और हिंद महासागर में अहम व्यापारिक मार्ग स्थायी पारस्परिक सह-अस्तित्व और शांति-समृद्धि के प्रसार में भारत को निर्णायक सामुद्रिक भूमिका प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा, "इसे देखते हुए भारतीय नौसेना ने वैश्वीकरण के बढ़ते दौर में बदलावों को प्रतिबिंबित करने के उद्देश्य से अपनी सामुद्रिक रणनीति को नए सिरे से तैयार किया है, समुद्री क्षेत्र में स्थिरता बढ़ाने के लिए समन्वयकारी कदम उठाकर अपनी विश्वसनीयता को स्थापित किया है और हिंद महासागर में व्यापारिक मार्गो की सुरक्षा सुनिश्चित करने में केंद्रीय भूमिका निभाई है।" बेड़ा समीक्षा में भारतीय नौसेना के 71 जहाज हैं, जिसमें दोनों विमानवाहक आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विराट भी शामिल हैं। इस अंतर्राष्ट्रीय बेड़ा समीक्षा में लगभग 50 देशों की नौसेनाएं और 24 विदेशी जहाज हिस्सा ले रहे हैं। भारत दूसरी बार इसकी मेजबानी कर रहा है जो अब तक देश की मेजबानी में पहला सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास है। बेड़ा समीक्षा एक रस्म और नौसेना के युद्धपोतों का एक भव्य निरीक्षण है, यह निरीक्षण या समीक्षा भारतीय सशस्त्रबलों के प्रमुख यानी देश के राष्ट्रपति करते हैं। भारत दूसरी बार अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू की मेजबानी कर रहा है।


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