• ट्विटर से ढूंढा मूक बधिर बच्चे का परिवार

    गुड़गांव । दिल्ली पुलिस पर अक्सर लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन इसी दिल्ली पुलिस की मुस्तैदी और कोशिश के चलते एक मासूम अपने परिवार से मिल गया। बच्चा मूक बधिर था, इसलिए परिजनों ने उसके हाथ पर पिता व इलाके का नाम खुदवा रखा था। पुलिस ने उसी हाथ पर लिखवाए नाम व पते का फोटो ट्विटर पर डाल दिया और यूजर्स द्वारा बताई जानकारी के आधार पर बच्चे के परिजनों तक पहुंच गई।...

    गुड़गांव । दिल्ली पुलिस पर अक्सर लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन इसी दिल्ली पुलिस की मुस्तैदी और कोशिश के चलते एक मासूम अपने परिवार से मिल गया। बच्चा मूक बधिर था, इसलिए परिजनों ने उसके हाथ पर पिता व इलाके का नाम खुदवा रखा था। पुलिस ने उसी हाथ पर लिखवाए नाम व पते का फोटो ट्विटर पर डाल दिया और यूजर्स द्वारा बताई जानकारी के आधार पर बच्चे के परिजनों तक पहुंच गई।

    31 जनवरी को सराय काले खां पुलिस चौकी प्रभारी ललित कुमार व उनकी टीम को आईपी पार्क के पास एक बच्चा रोता हुआ मिला। पुलिसकर्मियों ने बच्चे से नाम व पता पूछा तो वह कोई जवाब नहीं दे पाया। बच्चे के हाथ पर पिता का नाम अमर सिंह और स्थान लगड़ी की चौकी लिखा हुआ था। पुलिस अधिकारियों ने दिल्ली में लगड़ी की चौकी तलाशी, लेकिन नहीं मिली। इसके बाद गूगल पर सर्च किया गया। इसी बीच पुलिस ने बच्चे के हाथ पर लिखे नाम का फोटो ट्विटर पर दाल दिया तो यूजर्स जानकारियां देने लगे।


    महज 24 घंटों के अंदर पुलिस को जानकारी मिल गई कि लगड़ी की चौकी आगरा में है और वहां के पुलिस स्टेशन में बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज है। दिल्ली पुलिस बच्चे को आगरा ले गई, जहां कागजी कार्रवाई करने के बाद बच्चे को परिजनों के हवाले कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने सराय काले खां पुलिस चौकी में तैनात पुलिसकर्मियों को उचित इनाम देने की घोषणा की है।

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