• गांव-गरीब और किसानों की बेहतरी में नाबार्ड की भूमिका अहम : डॉ. रमन सिंह

    बस्तर । मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण बैंक (नाबार्ड) के अधिकारियों के साथ राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त बैठक आयोजित हुई। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे नये राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास और गांव, गरीब तथा किसानों की बेहतरी की योजनाओं में नाबार्ड की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।...

    बस्तर । मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण बैंक (नाबार्ड) के अधिकारियों के साथ राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त बैठक आयोजित हुई। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे नये राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास और गांव, गरीब तथा किसानों की बेहतरी की योजनाओं में नाबार्ड की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।

    बैठक में नाबार्ड की सहायता से राज्य में संचालितयोजनाओं और ग्रामीण विकास की प्रगति की समीक्षा की गई। नाबार्ड के अध्यक्ष डॉ. हर्ष कुमार भनवाना, राज्य सरकार के मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, वित्त सचिव श्री अमित अग्रवाल, उद्योग विभाग के सचिव सुबोध कुमार सिंह, नाबार्ड के सीजीएम श्री एन.के.गुप्ता, डॉ. पी.जे. रंजीत आदि वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

    डॉ. रमन सिंह ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ की पिछले पन्द्रह वर्ष की विकास यात्रा में  नाबार्ड ने भी सराहनीय योगदान दिया है। विशेषकर ग्रामीण सड़क निर्माण, सिंचाई परियोजना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में नाबार्ड से महत्वपूर्ण सहयोग मिल रहा है। डॉ. सिंह ने कहा कि राज्य में सिंचाई सुविधा बढ़ाने के लिए तीन लाख से ज्यादा नलकूपों को ऊजीकृत किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में परम्पगरागत तरीके से बिजली नहीं पहुंच सकी हैं, उन क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा के लिए सौर ऊर्जा आधारित पम्प दिए जाने की येाजना है।

    राज्य सरकार द्वारा बस्तर और सरगुजा संभाग में लगभग एक हजार पम्पों को सौर ऊर्जा से चलाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने नाबार्ड के जरिए राज्य सरकार की इस योजना में मदद की जरूरत बताई। नाबार्ड ने इसे अच्छी पहल बताते हुए सहयोग का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास और सिंचाई के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की अलग जरूरते हैं।


    मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के स्वीकृत मापदण्डों से छत्तीसगढ़ को रियायत मिलनी चाहिए। नाबार्ड अध्यक्ष श्री भनवाला में इस पर सहमति जताते हुए विचार करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बड़ी नदियों के किनारे बड़ी संख्या में एनीकट बनाए गए है। इनके दोनों ओर किसानों को सिंचाई सुविधा मुहैया कराने के लिए नाबार्ड से मदद ली जा सकती है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए विस्तृत प्रोजेक्ट बनाने के निर्देष भी दिए।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सहकारी बैंकों से बड़ी संख्या में किसान जुड़े हुए हैं। इनके सुदृढ़ीकरण के लिए वित्तीय मदद करने का आग्रह भी उन्होंने किया। नाबार्ड ने बैठक में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण और डिजिटाईजेशन पर भी जोर देते हुए मदद प्रदान करने की इच्छा प्रकट की। बैठक में राजनांदगांव में महिला स्व-सहायता समूह की प्रशंसा करते हुए उन्हें डिजिटाईजेशन के लिए चयनित किया।

    राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण विकास में नाबार्ड की भूमिका की सराहना की गई और अनेक कार्यों के लिए राशि बढ़ाए जाने की मांग की गई। नाबार्ड अध्यक्ष ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया। नाबार्ड के अध्यक्ष श्री भनवाला ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ की जरूरतों से नाबार्ड अवगत है तथा उनकी जरूरतों के अनुरूप उदारतापूर्वक वित्तिय मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण जनता और किसानों की तरक्की तभी संभव हो पाएगी जब नाबार्ड की योजनाओं में राज्य सरकार का भरपूर सहयोग मिले और दोनांे मिल कर काम करें।

अपनी राय दें