बुधवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने बयान में कहा था कि जांच कमेटी के अध्यक्ष दलित ही थे
हैदराबाद। हैदराबाद यूनिवर्सिटी में दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद से विवाद बढ़ता जा रहा है। जहां इस पर एक तरफ राजनीति जारी है वहीं बुधवार को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के बयान से नाराज 10 दलित प्रोफेसरों ने इस्तीफ दे दिया है। इन प्रोफेसरों ने यूनिवर्सिटी में अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
इन प्रोफेसर्स का कहना है कि स्मृति ईरानी द्वारा छात्र की आत्महत्या पर दिए गए बयान में तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है।एक मीडिया में एक स्टेटमेंट जारी करते हुए प्रोफेसर्स ने कहा है, 'केंद्रीय मंत्री के गढ़े हुए बयानों के विरोध में हम दलित फेकल्ट और अधिकारी अपने सभी पदों से नीचे उतरते हैं। हम प्रदर्शन कर रहे छात्रों को अपना समर्थन देते हैं और मांग करते हैं उनके खिलाफ पुलिस में दायर सभी केसेस को तुरंत वापस लेने की मांग करते हैं।'
स्टेटमेंट में आगे लिखा गया है, 'जिस कमेटी का जिक्र किया गया दरअसल उसके अध्यक्ष कोई दलित नहीं बलिक एक सवर्ण प्रोफेसर विपिन श्रीवास्तव थे और उस सब कमेटी में कोई भी दलित प्रोफेसर नहीं था। यहां तक की छात्र कल्याड प्रकोष्ठ के डीन जो कि एक दलित प्रोफेसर थे उन्हें भी कमेटी का पदेन सदस्य माना गया है। यह दूर्भाग्यपूर्ण है कि इस पूरी काउंसिल में किसी भी दलित को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया। मालूम हो कि बुधवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने बयान में कहा था कि जांच कमेटी के अध्यक्ष दलित ही थे।