• महंगाई पर कोर्ट का वश नहीं

    उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि देश में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है, लेकिन वह इस सिलसिले में सरकार को कोई आदेश जारी नहीं कर सकता। ...

    नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि देश में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है, लेकिन वह इस सिलसिले में सरकार को कोई आदेश जारी नहीं कर सकता। लिंगदोह समिति की सिफारिशों पर अमल को लेकर एक मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मार्कंडेय काट्जू ने कहा देश में महंगाई और बेरोजगारी जैसी सामाजिक समस्याएं चरम पर हैं, लेकिन क्या हम इन मुद्दों पर सरकार को कोई आदेश जारी कर सकते हैं।न्यायामूर्ति काट्जू ने कहा महंगाई की मार से हम लोग भी त्रस्त हैं लेकिन हमारे पास इसकी कोई विशेषज्ञता नहीं है। उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की जब सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने दलील दी कि न्यायालय सामाजिक महत्व के प्रश्नों पर उसी तरह के दिशानिर्देश जारी कर सकता है जैसा कि देश भर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनावों के सिलसिले में न्यायमूर्ति अरिजीत पसायत की तत्कालीन खंडपीठ ने जारी किये थे। न्यायालय ने अंततः इस मामले की सुनवाई पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सुपुर्द कर दी।

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