• हमें जुड़ने के अवसर खोजने चाहिए

    नई दिल्ली ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि बिखरना बहुत आसान है, लेकिन जुड़ने के अवसर खोजने पड़ते हैं और एकता के लिए ये अवसर खोजे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को धर्म और संप्रदाय के मुद्दों से ऊपर उठना होगा। संविधान निर्माता बी.आर.अंबेडकर की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में हो रहे कार्यक्रमों के तहत राज्यसभा में हुई चर्चा का समापन करते हुए मोदी ने कहा, "एकता के मंत्र पर ध्यान होना चाहिए। ...

    नई दिल्ली !  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि बिखरना बहुत आसान है, लेकिन जुड़ने के अवसर खोजने पड़ते हैं और एकता के लिए ये अवसर खोजे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को धर्म और संप्रदाय के मुद्दों से ऊपर उठना होगा। संविधान निर्माता बी.आर.अंबेडकर की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में हो रहे कार्यक्रमों के तहत राज्यसभा में हुई चर्चा का समापन करते हुए मोदी ने कहा, "एकता के मंत्र पर ध्यान होना चाहिए। बिखरने के कई बहाने होते हैं, लेकिन हमें जुड़ने के अवसर खोजने चाहिए।"

    प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान दिवस (26 नवंबर) मनाने का फैसला इसलिए लिया गया, ताकि आने वाली पीढ़ी संविधान और इसे बनाने वाले प्रतिष्ठित लोगों के बारे में जागरूक हो सके।

    उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने ऐसा संविधान बनाया, जो सामाजिक न्याय की बात करता है। लेकिन, उन्होंने साथ में जोड़ा कि यह तब तक काम नहीं करेगा जब तक कि इसके मूल्य समाज नहीं अपनाएगा।

    मोदी ने कहा, "बाबा साहेब ने संविधान बनाया, उसमें सामाजिक न्याय है..लेकिन यह कारगर नहीं होगा अगर समाज खुद को बदलने के लिए तैयार नहीं होगा। सामाजिक जागरूकता की भी जररूत है और यह वह संदेश है जो सदन से जाना चाहिए।"

    मोदी ने कहा कि उन्होंने एक कार्यक्रम 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के बारे में सोचा है। इसमें हर राज्य किसी एक दिन किसी अन्य राज्य की बेहतरी के लिए योगदान करेगा। इस दिन संबंधित राज्य की संस्कृति और भाषा को उजागर किया जाएगा।

    उन्होंने पूछा, "क्यों नहीं मलयालम के अक्षर छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों को पढ़ाए जा सकते और क्यों नहीं मलयाली फिल्में छत्तीसगढ़ में दिखाई जा सकतीं?"


    उन्होंने कहा कि किसी भी भारतीय की देशभक्ति पर शक नहीं किया जा सकता।

    प्रधानमंत्री ने कहा, "कोई भी सवा अरब भारतीयों की देशभक्ति पर सवाल नहीं उठा सकता, न ही किसी को हर रोज अपनी देशभक्ति का सर्टिफिकेट देने की जरूरत है।"

    प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान ने देश को एकजुट रखा है। यह लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वे देश को एकजुट रखें।

    उन्होंने कहा, "इसके लिए हमें धर्म और संप्रदाय के मुद्दों से ऊपर उठना होगा।"

    प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान बुरे दौर में भी देश को दिशा दिखाता रहा है। इसने भारत को बांधे रखा है।

    राज्यसभा में चर्चा शुक्रवार को शुरू हुई थी।

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