• बैटरी से चल सकती हैं सरकारी बसें : गडकरी

    कोलकाता ! तेल आयात खर्च कम करने के लिए केंद्र सरकार देशभर में चलने वाली सरकारी बसों को बैटरी से चलने वाली बसों में तब्दील करने पर विचार कर रही है। यह बात मंगलवार को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कही। यहां भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स की 115वीं सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए गडकरी ने यह भी कहा कि सरकार चाहती है...

    कोलकाता !  तेल आयात खर्च कम करने के लिए केंद्र सरकार देशभर में चलने वाली सरकारी बसों को बैटरी से चलने वाली बसों में तब्दील करने पर विचार कर रही है। यह बात मंगलवार को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कही। यहां भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स की 115वीं सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए गडकरी ने यह भी कहा कि सरकार चाहती है कि सड़क और राजमार्ग क्षेत्र का अगले दो साल में राष्ट्रीय जीडीपी में दो फीसदी योगदान हो और इस क्षेत्र में करीब 50 लाख रोजगार का सृजन हो। उन्होंने कहा कि अभी पुणे में लिथियम आयन बैटरी से चलने वाली 10 बसें बनाई जा रही हैं। तीन से चार महीने तक इन्हें पायलट आधार पर चलाया जाएगा। गडकरी ने कहा, "यदि पायलट परियोजना सफल रहती है, तो सभी 1,50,000 सरकारी बसों को बैटरी से चलने वाली बसों में बदल दिया जाएगा। इन बसों से प्रदूषण नहीं फैलेगा। साथ ही कच्चा तेल आयात पर हो रहे आठ लाख करोड़ रुपये के खर्च को भी घटाने में इससे मदद मिलेगी।" उन्होंने कहा कि पश्चिम में लिथियम आयन बैटरी बनाने में करीब 55 लाख रुपये खर्च होता है, लेकिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और ऑटोमेटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया को करीब पांच लाख रुपये में इस बैटरी को बनाने में सफलता मिली है।


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