• मायावती चाहती हैं गरीब सवर्णो को आरक्षण

    लखनऊ ! बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने संसद में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णो को आरक्षण देने की बात कर राजनीति दलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। मायावती के इस बयान को मिशन 2017 की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। अगर मायावती इस मुद्दे को सवर्णो के बीच भुनाने में कामयाब हुईं तो आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण बसपा के साथ खड़े हो सकते हैं और अन्य दलों के सभी समीकरण धराशयी हो सकते हैं।...

    सवर्णो को आरक्षण देने की बात कर राजनीति दलों की धड़कनें बढ़ा दी


    लखनऊ !   बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने संसद में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णो को आरक्षण देने की बात कर राजनीति दलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। मायावती के इस बयान को मिशन 2017 की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। अगर मायावती इस मुद्दे को सवर्णो के बीच भुनाने में कामयाब हुईं तो आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण बसपा के साथ खड़े हो सकते हैं और अन्य दलों के सभी समीकरण धराशयी हो सकते हैं। बिहार विधानसभा चुनाव में आरक्षण पर संशय के मुद्दे ने ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंसूबों पर पानी फेर दिया था और वहां महागबंधन की शानदार जीत हुई। बसपा आरक्षण की धार का असर बिहार चुनाव में देख चुकी है, इसीलिए अब मायावती ने संसद में कमजोर सवर्णो को आरक्षण देने के मुद्दे को हवा दे दी है। बसपा के एक पूर्व अध्यक्ष ने आईएएनएस को बताया कि मायावती ने यह मुद्दा बड़ा ही सोच-समझकर उठाया है। उप्र में कमजोर सवर्णो को आरक्षण देने की मांग को लेकर पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरने को तैयार हैं। यह मुद्दा बसपा के लिए 'गेम चेंजर' साबित हो सकता है। मायावती के इस बयान के अब उप्र में अन्य राजनीतिक दलों की धड़कनें बढ़ गई हैं। कई सियासी दल इस मुद्दे को काफी संवेदनशील मानते हैं और बड़े ही सधे अंदाज में इसका जवाब भी दे रहे हैं। भाजपा के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने आईएएनएस से कहा कि मायावती का यह बयान तब क्यों नहीं आया, जब वह 10 वर्षो तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार का समर्थन कर रही थीं। यह एक संवेदनशील मुद्दा है, इस पर इससे ज्यादा कुछ भी बोलना जल्दबाजी होगी। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मसूद अहमद ने भी मायावती के इस बयान को काफी संवेदनशील करार दिया। उन्होंने आईएएनएस से कहा, "यह एक संवेदनशील मुद्दा है। आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णो को अगर आरक्षण मिलता है तो यह अच्छी बात होगी।" ज्ञात हो कि बसपा अध्यक्ष मायावती ने राज्यसभा में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान पर हुई चर्चा के अंत में काफी बातें कहीं। बेहतर होता, अगर उन्होंने अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए पदोन्नति में आरक्षण, निजी क्षेत्र में आरक्षण, सवर्णो में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए आरक्षण दिए जाने का ऐलान किया होता।" इस बीच, मायावती की धुर विरोधी पार्टी ने आरोप लगाया कि वह सपा की ही बातों को आगे बढ़ा रही हैं। समाजवादी पार्टी के नेता डॉ. सी.पी. राय ने आईएएनएस से कहा, "लोकसभा चुनाव के दौरान ही सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अपने घोषणापत्र में अगड़ी जाति आयोग गठित करने की बात कही थी। पार्टी हमेशा इसकी पक्षधर रही है कि समाज में बड़ी जातियों के गरीब लोगों को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।"

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