• नेपालः किताब से स्वामी विवेकानंद की जीवनी को शिक्षकों ने फाड़ा

    नई दिल्ली । नेपाल में मधेसी आंदोलन तेज होने के साथ भारत विरोध भी जोर पकड़ रहा है और इसका असर अब स्कूलों तक जा पहुंचा है । नेपाल के स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली स्वामी विवेकानंद की जीवनी को शिक्षकों ने ही पुस्तक से फाड़ दिया है। नेपाल के जूनियर स्कूलों में स्वामी विवेकानंद के जीवन परिचय को नेपाली अध्यापकों ने भारत विरोध के कारण किताबों से फाड़ दिया है। छात्रों के मन में भारत विरोधी मानसिकता भरी जा रही है। स्कूली बच्चे मधेसी बच्चों को मोदी की संतान की संज्ञा दे रहे हैं।...

    नई दिल्ली । नेपाल में मधेसी आंदोलन तेज होने के साथ भारत विरोध भी जोर पकड़ रहा है और इसका असर अब स्कूलों तक जा पहुंचा है । नेपाल के स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली स्वामी विवेकानंद की जीवनी को शिक्षकों ने ही पुस्तक से फाड़ दिया है। नेपाल के जूनियर स्कूलों में स्वामी विवेकानंद के जीवन परिचय को नेपाली अध्यापकों ने भारत विरोध के कारण किताबों से फाड़ दिया है। छात्रों के मन में भारत विरोधी मानसिकता भरी जा रही है। स्कूली बच्चे मधेसी बच्चों को मोदी की संतान की संज्ञा दे रहे हैं।

    मधेसी पहाड़ी समुदाय के बच्चों को ओली पुत्र बता रहे हैं। वहीं, रविवार को नेपालगंज के बांके में संयुक्त थारुहट अवध मधेस संघर्ष समिति के तत्वावधान में नोमेंस लैंड पर चक्काजाम किया गया। आंदोलन नेपाल की पूर्व मधेसी सांसद सत्यवती वर्मा, कौशल कुमार मिश्रा, राजेश कुमार वर्मा, शांता सोनकर, गफूर खां, रामनिहोड़ी वर्मा की अगुवाई में किया गया। किसी भी बड़े वाहन को नेपाल में प्रवेश नहीं दिया गया।


    भारत से नेपाल व नेपाल से भारत आने वाले ट्रकों को सीमा से दो किलोमीटर पूर्व ही प्रशासन ने रोक दिया है। अब नेपाल में ऑक्सीजन व गैस सिलेंडर, दवाइयां, पेट्रो पदार्थ आदि की किल्लत बढ़ गई है।दूसरी ओर नेकपा माओवादी विप्लव गुट की ओर से भारत विरोधी गतिविधियां भी बढ़ा दी गई हैं। इस गुट का कहना है कि भारत सरकार अघोषित नाकेबंदी कर जान बूझकर नेपाल में वस्तुओं की किल्लत को बढ़ा रहा है। वहीं नेपाल का एक गुट सोमवार को काठमांडू में संसद भवन से यूएन कार्यालय तक 27 किमी की मानव श्रृंखला बनाकर विरोध जता रहा है।

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