नई दिल्ली। लोकसभा में आज से असहिष्णुता पर चर्चा शुरू हो गई। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष से कहा कि अगर आपको ऐसा लग रहा है कि असहिष्णुता बढ़ रहा है तो आप हमें सुझाव दें कि हम क्या कर सकते हैं? चिदंबरम ने शनिवार को एक मीडिया इवेंट में कबूल किया था कि सलमान रुश्दी की किताब सेटैनिक वर्सेस को बैन करना पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी सरकार की एक गलती थी। इस पर सलमान रुश्दी ने चिदंबरम के बयान के कुछ देर बाद ही ट्विटर पर रिएक्शन देते हुए कहा कि 'द सेटैनिक वर्सेस' पर रोक गलत थी, यह मानने उन्हें इतना समय लगा। अब इस गलती को सुधारने में कितने साल और लगेंगे? इसी मुद्दे पर गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजु ने कहा कि असहिष्णुता का माहौल बना दिया गया है।
चर्चा से पहले चिंदबरम ने कांग्रेस की हवा निकाल दी है। उनके बयान से यह साबित हो गया है कि कांग्रेस कितनी इन्टॉलरेंट पार्टी थी। इन्टॉलरेंस पर सदन में चर्चा के पहले किस नेता ने क्या कहा?केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी कहा कि इन्टॉलरेंस का मुद्दा बनाया गया है। हमारी टॉलरेंस एप्रोच है। हम सदन में सभी इश्यू पर चर्चा करने की इच्छा रखते हैं।
शिवसेना के नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि सामाजिक और राजनीतिक स्तरों पर कांग्रेस के जमाने में जितना असहिष्णुता हुई, उतना दुनिया में कभी नहीं हुआ है। कांग्रेस के नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हम एक जिम्मेदार अपोजिशन की ड्यूटी निभाएंगे। कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि लोकसभा में चर्चा के बाद ही हम कोई कमेंट कर सकते हैं।
राज्यसभा में कांग्रेस-जेडीयू ने रूल 267 के तहत कामकाज रोककर चर्चा का नोटिस दिया है। लेकिन राज्यसभा में ‘भारत के संविधान के लिए प्रतिबद्धता’ पर चर्चा होगी। एक दिन की चर्चा यहां शुक्रवार को हो चुकी है। लोकसभा में कांग्रेस और सीपीआईएम ने रूल 193 के तहत नोटिस दिए हैं। इस रूल के तहत वोटिंग नहीं करायी जाती या सदन के कामकाज को सस्पेंड करने की जरूरत नहीं होती। दाेनों सदनों में नोटिस असहिष्णुता के मुद्दे पर बहस के लिए दिए गए हैं।
यूपी के दादरी में गोमांस रखने के शक में एक शख्स की हत्या हुई। इससे पहले कन्नड़ लेखक कलबुर्गी का मर्डर हुआ। इसी के बाद इन्टॉलरेंस का मुद्दा भड़का। अवॉर्ड वापसी की शुरुआत हुई। कई लेखकों, फिल्मकारों और वैज्ञानिकों ने देश में बढ़ते कथित इन्टॉलरेंस के माहौल के विरोध में पुरस्कार लौटा दिए। आमिर खान, शाहरुख खान, एआर रहमान और अरुंधति रॉय जैसी शख्सियतों ने इस मुद्दे पर बयान दिए जो विवादों में रहे।
वही, कांग्रेस महंगाई पर चर्चा करना चाहती है। कांग्रेस ने निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की। इसके अलावा, कांग्रेस देशभर में लेखकों और दूसरी हस्तियों द्वारा अवार्ड लौटाए जाने का मुद्दा भी उठाएगी। जेडीयू बड़े केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफे मांग कर सकती है। जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि पीएम मोदी को भड़काऊ बयान देने वालों और अपनी कैबिनेट के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। जेडीयू के अध्यक्ष शरद यादव ने ट्वीट किया- 'प्रधानमंत्री को देश को भरोसा दिलाना होगा कि सांप्रदायिक हिंसा नहीं होगी।'
लोकसभा में 8 और राज्यसभा में अटके हैं 11 बिल
मानसून सेशन विवाद और हंगामे के चलते पूरी तरह धुल गया था। इस वजह से पार्लियामेंट का कोई कामकाज नहीं हो सका। इसके चलते कुल आठ बिल लोकसभा में और 11 राज्यसभा में अटके हैं। जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) और जमीन बिल तो संसद की समितियों के पास ही फंसे हैं। सूत्रों की मानें तो सरकार विवादित लैंड बिल को छोड़कर बाकी सभी बिलों को पास कराने की कोशिश में है। मोदी सरकार प्रपोज्ड गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स को 1947 के बाद का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म बता रही है। यह अलग-अलग टैक्स खत्म कर उनकी जगह एक ही टैक्स सिस्टम लागू करने के लिए है।
जीएसटी लागू होते ही सेंट्रल सेल्स टैक्स, एक्साइज, लग्जरी टैक्स, एंटरटेनमेंट टैक्स, ऑक्टरॉई, वैट जैसे अलग-अलग सेंट्रल और लोकल टैक्स खत्म हो जाएंगे। इससे पूरे देश में एक प्रोडक्ट लगभग एक जैसी ही कीमत पर मिलेगा।