• तापमान से बचने का सरल रास्ता है ऊर्जा बचत: मोदी

    नयी दिल्ली ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में दुनिया में जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए किए जारी उपायों के पर छिड़ी बहस के बीच पृथ्वी का तापमान घटाने के लिए ऊर्जा बचत को समय की जरूरत बताते हुए आज खुशी जताई कि स्वच्छ ऊर्जा के सरकार के अभियान को लोग मिशन के रूप में ले रहे हैं।...

    नयी दिल्ली !   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में दुनिया में जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए किए जारी उपायों के पर छिड़ी बहस के बीच पृथ्वी का तापमान घटाने के लिए ऊर्जा बचत को समय की जरूरत बताते हुए आज खुशी जताई कि स्वच्छ ऊर्जा के सरकार के अभियान को लोग मिशन के रूप में ले रहे हैं। प्रधानमंत्री ने रेडियाे पर प्रसारित अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित है और इसके लिए हर काम को मानक के तहत स्वीकृति मिल रही है। पूरे विश्व में सबकी यही चिंता है कि पृथ्वी का तापमान अब बढ़ना नहीं चाहिए और ऐसा नहीं हो इस तरह के कदम उठाना प्रत्येक देश और धरती के हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है। उन्होंने तापमान से बचने का एक सबसे पहला रास्ता है ‘ऊर्जा की बचत’ को बताया और कहा कि इसके लिए पूरे देश में 14 दिसम्बर को राष्ट्रीय ऊर्जा दिवस मनाया जा रहा है। ऊर्जा बचत के लिए उनकी सरकार एलईडी के वितरण जैसी कई योजनायें चला रही हैं और सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। श्री मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि लोग सौर ऊर्जा को मिशन के तौर पर ले रहे हैं। स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के उनके अभियान को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है और ऊर्जा बचत के लिए एलईडी वितरण का काम तेजी से चल रहा है। स्वच्छ ऊर्जा के संदर्भ में उन्होंने कानपुर की नूरजहाँ का जिक्र किया और कहा कि इस दिशा में यह महिला ऐसा काम कर रही हैं जिसकी शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। उन्होंने कहा कि वह सौर ऊर्जा का उपयोग करके कई ग़रीबों के घरों को रोशन कर रही है। वह अंधेरे से जंग लड़ रही है। उसने महिलाओं की एक समिति बनाई है सौर ऊर्जा से चलने वाली लालटेन का एक संयंत्र लगाया है। वह इस संयंत्र में दिनभर लालटेन को चार्ज करती है और शाम को लेकर अपने घर लालटेन लेकर पहुंचते हैं। उसके बदले गरीबों से सौ रुपए मासिक लेती है। इस तरह से वह करीब 500 घरों को रोशन कर रही है। उन्होंने कहा कि नूरजहां द्वारा घरों को रोशन करने में रोज का खर्च करीब तीन रुपए है लेकिन इससे उसके पूरे घर में रोशनी रहती है। नूरजहाँ अपने संयंत्र में दिनभर लालटेन रिचार्ज करने का काम करती रहती है। उन्होंने परिवर्तन के लिए विश्व समुदाय के वास्ते नूरजहाँ के काम को प्रेरणाप्रद बताया और कहा कि कानपुर के एक छोटे से कोने में चल रहा यह काम देश और दुनिया के सामने मिसाल प्रस्तुत कर रहा है।


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