• 'मैंने सोचा नहीं था मुख्यमंत्री बनूंगा'

    भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैंने राजनीति में आने के बाद यह कभी नहीं सोचा था कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा। जो काम मुझे दिया गया, वह करता रहा। काम ने ही मेरा आगे का रास्ता तय किया। अब तक जो काम प्रदेश के विकास के लिए मेरी सरकार ने किए हैं उस पर मुझे संतोष है।...

    शिवराज ने बताईं दस साल की उपलब्धियां, खेती के साथ अब शिक्षा और विकास पर होगा फोकस भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैंने राजनीति में आने के बाद यह कभी नहीं सोचा था कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा। जो काम मुझे दिया गया, वह करता रहा। काम ने ही मेरा आगे का रास्ता तय किया। अब तक जो काम प्रदेश के विकास के लिए मेरी सरकार ने किए हैं उस पर मुझे संतोष है। क्योंकि पिछले 10 सालों में न सिर्फ अधोसंरचना विकास के ढेरों काम हुए बल्कि कई क्षेत्रों में प्रदेश में नए कीर्तिमान भी स्थापित किए हैं। अब कृषि के साथ-साथ मेरा मुख्य फोकस शिक्षा और स्वास्थ्य पर रहेगा। प्रदेश के गैरकांग्रेसी मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के 10 साल पूरे कर चुके श्री चौहान ने सेंट्रल प्रेस क्लब द्वारा आयोजित प्रेस से मिलिये कार्यक्रम में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को पूरा करने का संकल्प लिया था। मुझे संतोष है कि इस दिशा में काफी काम किया गया है। श्री चौहान ने कहा कि सड़क, बिजली, पानी के  क्षेत्र में बेहतर काम किया गया और उसके अच्छे नतीजे सामने आये। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में 10 साल के तुलनात्मक आंकड़े देते हुए बताया कि राज्य में बिजली का उत्पादन साढ़े 5 हजार मेगावाट से बढ़कर लगभग साढ़े 15 हजार हो गया है। सड़कों का जाल भी बिछाया गया है जिससे आवागमन सुलभ हुआ है।  ठ्ठशेष पृष्ठ 2 पर


    जो गाय अच्छा दूध देती है उसे डोगर नहीं भेजते मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय राजनीति में जाने से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए प्रदेश की राजनीति छोड़ कर  केन्द्र में जाने के प्रति अपनी अनिच्छा जताई। उन्होनें एक कहावत सुनाते हुए जो गाय अच्छा दूध दे रही है उसे डोंगर (दूर) नहीं भेजते। इसके साथ ही श्री चौहान ने कहा कि वे प्रदेश के विकास और कल्याण के लिए काम कर रहे हैं। प्रदेश की साढ़े 7 करोड़ जनता उनका परिवार है। यह कहकर मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि वे केन्द्रीय राजनीति में जाने के इच्छुक नहीं हैं। हार-जीत लगी रहती है प्रदेश में झाबुआ-रतलाम संसदीय क्षेत्र में भाजपा की हार के सवाल पर श्री चौहान ने कहा कि वे मानते हैं कि लोकतंत्र में हार-जीत होती रहती है। महत्वपूर्ण यह है कि हार से सबक लेकर हम यह देखते हैं कि जनता में यदि कोई विपरीत भाव पैदा हुआ है तो उसे कैसे दूर किया जाए। नौकरशाही हावी नहीं श्री चौहान ने इस बात को गलत बताया कि राज्य में नौकरशाही हावी है। उन्होंने कहा कि ब्यूरोक्रेसी कभी हावी नहीं हो सकती। किन्तु-परंतु की बात अलग है। मैंने जो काम तय किया वह काम पूरा हुआ है उसे कोई रोक नहीं पाया। बल्कि शिवराज हावी है। अपनी बात को संभालते हुए उन्होंने कहा कि अब तक जो भी योजनाएं मैंने बनाईं हैं और विकास के जो किए गए हैं उसमें अधिकारियों का भरपूर सहयोग किया है। विपक्षी मित्रों का आदर करता हूं श्री चौहान ने मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद उनकी सफलता को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा जताई गई आशंका पर कहा कि दिग्विजय सिंह की अपनी शैली है मैं उस पर कुछ नहीं कहूंगा। मैं विपक्षी मित्रों का भी आदर करता हूं और यह मानता हूं की प्रदेश के विकास में उनका भी योगदान रहा है। मैं सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों का भी आभार व्यक्त करता हूं। मंत्रिमंडल विस्तार अभी नहीं मंत्रिमंडल विस्तार से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने इस बात के संकेत दिए कि वे फिलहाल मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर रहे हैं। श्री चौहान ने इस बारे में अप्रत्याशित जबाव दिया उन्होंने पत्रकारों से कहा कि आप लोग पीछे पड़ जाते थे। इसलिए विस्तार की बात कही थी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विधायकों की संख्या में मान से 15 प्रतिशत  विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। जरूरी नहीं है कि पूरी संख्या में मंत्री मंत्रिमंडल में हों। यह मुख्यमंत्री देखता है कि उसे कितने लोगों को टीम में शामिल कर काम करना है। निगम मंडलों में नियुक्तियों के सवाल पर श्री चौहान ने कहा कि जब नियुक्तियां होंगी तब आप को भी बता दिया जाएगा। बच्चों ने बनाया मामा शिवराज ने मामा के रूप में चर्चित होने की वजह बताते हुए कहा कि जनता के बीच रहना और उनके सुख-दुख जानना मुझे अच्छा लगता है। बच्चों से मिलने में मुझे आनंद आता है। बच्चों ने ही मुझे मामा कहना शुरू किया अब बच्चों के साथ-साथ बड़े भी मामा कहने लगे हैं। पेटलावाद हादसे ने व्यथित किया श्री चौहान ने कहा कि पेटलावाद विस्फोट और रतनगढ़ माता मंदिर हादसे ने मुझे सबसे ज्यादा व्यथित किया क्योंकि इन घटनाओं ने छोटी असावधानियों की वजह से काल के गाल में समा गए। शराब बंदी नहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने राज्य में शराब बंदी की घोषणा की है। इसी के मद्देनजर शिवराज से यह सवाल पूछा गया। क्या मध्यप्रदेश में शराब बंदी होगी। इस पर उन्होंने कहा कि सिर्फ आदेश निकाल देने से यह काम नहीं होता। यह बड़ा ही कठिन काम है, क्योंकि यह हमारे प्रदेश में कई स्थानों पर परंपरा व समाज से जुड़ी हुई है। इस बारे में गंभीरता से सोचना पड़ेगा, लेकिन उनकी सरकार ने पहले यह फैसला कर लिया है कि राज्य में नई शराब की दुकान नहीं खुलने देगी। शराब कारखानों को भी प्रोत्साहित नहीं किया जाएगा। असहिष्णुता पर बहस बेमानी देश में असहिष्णुता को लेकर छिड़ी बहस पर चौहान ने कहा, देश में असहिष्णुता बढऩे की बात कहना बेमानी है। देश में पूरी तरह सहिष्णुता का म.ाहौल है। यहां सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है। देश के कुछ हिस्सों में घटनाएं हुईं, उन्हें असहिष्णुता से जोडऩा ठीक नहीं है।

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