• फिल्मकारों ने पत्र लिखकर छात्रों के साथ हुए व्यवहार की निंदा की

    पणजी ! भारतीय फिल्म उद्योग के करीब 87 फिल्मकारों ने संयुक्त रूप से केंद्रीय वित्त मंत्री अरु ण जेटली को पत्र लिखकर एफटीआईआई के छात्रों के साथ हुए व्यवहार की निंदा की है। इस पत्र में मुख्य रूप से लिखा गया है कि भारत के 46वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के आयोजकों ने छात्रों से न केवल गलत व्यवहार किया बल्कि उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को भी दबाने की कोशिश की है।...

    पणजी !   भारतीय फिल्म उद्योग के करीब 87 फिल्मकारों ने संयुक्त रूप से केंद्रीय वित्त मंत्री अरु ण जेटली को पत्र लिखकर एफटीआईआई के छात्रों के साथ हुए व्यवहार की निंदा की है। इस पत्र में मुख्य रूप से लिखा गया है कि भारत के 46वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के आयोजकों ने छात्रों से न केवल गलत व्यवहार किया बल्कि उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को भी दबाने की कोशिश की है। इसके साथ ही पत्र में अनंत पटवर्धन, मधुश्री दत्ता जैसे कई फिल्मकारों ने देश के शीर्ष फिल्म संस्थान (एफटीआईआई) में गजेंद्र चौहान को अध्यक्ष बनाए जाने के विरोध में की गई 139 दिनों की हड़ताल का भी उल्लेख किया है। इस पत्र में सूचना प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन राठौड़, सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव सुनील अरोड़ा और समारोह के निदेशक सी.सेंथिल राजन को भी संबोधित किया गया है। इस पत्र में यह भी लिखा गया है कि इस घटना से केवल एफटीआईआई के छात्र ही नहीं बल्कि पूरे देश में फिल्म संबंधी छात्र प्रभावित हुए हैं। हालांकि फिल्म समारोह के आयोजकों ने एफटीआईआई के छात्रों के आरोपों का खंडन किया है। इस मामले पर आईएफएफआई के निदेशक सी.सेंथिल का कहना था, "यह फेस्टिवल किसी राजनीति के खेल का मैदान नहीं बल्कि सिनेमा का जश्न मनाने के लिए है। इस समारोह में पुलिस ने किसी प्रतिनिधि और छात्र को फिल्म देखने के लिए अंदर आने से नहीं रोका। यह फेस्टिवल फिल्म दिखाने का मैदान था, किसी विरोध प्रदर्शन का मैदान नहीं। इसलिए हमने ऐसे किसी व्यक्ति को आने से नहीं रोका जो फिल्म देखने के उद्देश्य से आया था।"


अपनी राय दें