• उधार के नेताओं से अपना इतिहास बनाना चाहती है भाजपाः गुलाम नबी

    नई दिल्ली । शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन संविधान पर चर्चा करते हुए देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इशारों ही इशारों में कांग्रेस को असहिष्‍णुता के मसले पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि असहिष्‍णुता की बात करने वाली कांग्रेस को पहले आपातकाल को याद करना चाहिए। कांग्रेस को देश को बताना चाहिए कि वह क्या था? ...

    कांग्रेस नेता ने अरुण जेटली के बयान पर किया पलटवार

    वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि असहिष्‍णुता की बात करने वाली कांग्रेस को पहले आपातकाल को याद करना चाहिए

    नई दिल्ली । शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन संविधान पर चर्चा करते हुए देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इशारों ही इशारों में कांग्रेस को असहिष्‍णुता के मसले पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि असहिष्‍णुता की बात करने वाली कांग्रेस को पहले आपातकाल को याद करना चाहिए। कांग्रेस को देश को बताना चाहिए कि वह क्या था? 

    उन्होंने कहा‌ कि आज टीवी स्क्रीन पर कोई आकर गैर जिम्मेदाराना बयान दे दे तो उसे असिष्‍णुता कह देते हैं। जबकि पूरे देश में एक साथ असहिष्‍णुता थोपी गई थी उसे कांग्रेस किस तरह से देखती है। अरुण जेटली शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन राज्यसभा में संविधान को लेकर हो रही चर्चा में सरकार की तरफ से अपना पक्ष रख रहे थे। गुरुवार को सोनिया गांधी के दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी संविधान सभा में थे। मालूम ‌हो कि गुरुवार को लोकसभा में हुई चर्चा के दौरान सोनिया गांधी ने कहा था कि आज के माहौल में वह लोग संविधान पर बात कर रहे हैं जिनका संविधान बनाने में कोई योगदान नहीं रहा था। 


    राज्यसभा में चर्चा के दौरान जेटली ने कहा कि हर सरकार का यह धर्म बनता है कि वह संविधान की भावना का पालन करे। डॉ. भीमराव अंबेडकर की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि बाबा साहब की वजह से ही भारत के पास आज अपना संविधान है। अरुण जेटली पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि भाजपा के पास कोई इतिहास ही नहीं है। वह संविधान की बात क्या करेगी। वह उधार के नेताओं से अपना इतिहास बनाना चाहती है। इस चर्चा में कांग्रेस का पक्ष रखते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बीजेपी का राजनीतिक इतिहास इसी बात से समझ सकते हैं कि उसके पास अपने नेता नहीं हैं। वह सुभाष चन्द्र बोस और सरदार पटेल जैसे नेताओं के करीब दिखने की कोशिश करती है। जबकि इन नेताओं का बीजेपी से कोई वास्ता नहीं है। 

    असहिष्‍णुता की चर्चा करते हुए आजाद बीजेपी नेताओं की तरफ मुखातिब होते हुए बोले कि आप जर्मन के डिक्टेटर की बात कर सकते हैं और हम भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की बात नहीं कर सकते। यह एक किस्म की असहिष्‍णुता है। जवाहर लाल नेहरु को श्रेय न दिए जाने को भी मुद्दा बनाते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि लोग संविधान बनाने में देश के पहले प्रधानमंत्री का नाम लेने से भी बचते हैं। यह शर्म की बात है। 

    उन्होंने कहा कि जिस तरह का माहौल पैदा हो गया है वह देश के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। कई राज्यों में ऐसी घटनाएं सामने आती हैं जहां किसी की नाक काट दी जाती है और किसी का हाथ। नीची जाति के आदमी का हाथ इस‌‌‌लिए काट लिया जाता है क्यों‌कि उसने ऊंची जातियों के सामने घड़ी पहन ली थी। गुरुवार को पहले दिन संविधान पर चर्चा करते हुए देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने परोक्ष रुप से आमिर खान पर हमला किया था।

    राजनाथ सिंह ने कहा था कि बाबा साहब के साथ उपेक्षा और प्रताड़ना का व्यवहार किया गया फिर भी उन्होंने देश छोड़ने की बात नहीं की। सेकुलर शब्द की व्याख्या करते हुए राजनाथ स‌िंह ने कहा था कि इस शब्द का सबसे ज्यादा राजनीतिक दुरुपयोग हो रहा है। राजनाथ सिंह का कहना था कि पारसियों और मुसलमानों को जिस स्वतंत्रता के साथ जीने का अधिकार भारत में है वैसा अधिकार किसी और देश में उन्हें नहीं मिलता। राजनाथ सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए सोनिया गांधी ने कहा था कि आजकल वह लोग संविधान की बात कर रहे हैं जिनका संविधान को बनाने में कोई योगदान नहीं था। 

अपनी राय दें