• बाबा अंबेडकर ने आलोचना सहन करने के बाद भी कभी देश छोड़ने के बारे में नहीं सोचा: राजनाथ

    नई दिल्‍ली। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत गुरुवार को हुई। लोकसभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान पर चर्चा शुरू करते हुए संविधान के निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर की महानता को लेकर अपनी बात रखी। उन्‍होंने कहा कि उन्‍होंने संविधान के निर्माण के दौरान लगातार अपमान और आलोचना सहन की, लेकिन कभी देश छोड़ने की बात नहीं की। वो लगातार एक भारत के उद्देश्‍य के दृष्टिकोण पर काम करते रहे। ...

    सिंह ने कहा, सेकुलर का मतलब पंथ निरपेक्ष है ना कि धर्म निरपेक्ष

    देश में धर्म निरपेक्ष का उपयोग बंद हो

    नई दिल्‍ली। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत गुरुवार को हुई। लोकसभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान पर चर्चा के दौरान कहा कि वर्तमान में अगर देश की राजनीति में किसी शब्‍द का सबसे ज्‍यादा दुरुपयोग हो रहा है तो वो है सेकुलर। उन्‍हाेंने कहा कि बाबा साहेब में संविधान के प्रीएंबल में इसका उपयोग नहीं किया क्‍योंकि भारत पहले से ही पं‍थ निरपेक्ष था।


    बाबा साहेब को उस वक्‍त संविधान में सोशलिस्‍ट और सेकुलर शब्‍दों को जोड़ना महत्‍वपूर्ण नहीं लगा। सेकुलर का मतलब पंथ निरपेक्ष है ना कि धर्म निरपेक्ष और इसलिए देश में इसका धर्म निरपेक्ष के रूप में उपयोग बंद हो। इससे पहले उन्‍होंने कहा कि बाबा साहेब ने विदेशों में भी शिक्षा हासिल की। उन्‍होंने संविधान के निर्माण के दौरान लगातार अपमान और आलोचना सही लेकिन कभी देश छोड़ने की बात नहीं की। वो लगातार एक भारत के उद्देश्‍य के दृष्टिकोण पर काम करते रहे।

     

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