• असहिष्णुता और जीएसटी पर सरकार को घेरेगा विपक्ष

    नयी दिल्ली ! संसद के शीतकालीन सत्र को सुचारू रूप से चलाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील के बावजूद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल वस्तु एवं सेवा कर विधेयक तथा असहिष्णुता के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में है । कांग्रेस, वाम दल, तृणमूल कांग्रेस तथा जनता दल (यू) ने कहा है ...

    नयी दिल्ली !   संसद के शीतकालीन सत्र को सुचारू रूप से चलाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील के बावजूद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल वस्तु एवं सेवा कर विधेयक तथा असहिष्णुता के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में है । कांग्रेस, वाम दल, तृणमूल कांग्रेस तथा जनता दल (यू) ने कहा है कि वह संसद में असहिष्णुता के मुद्दे को प्रमुखता से उठायेंगे। इन दलों के नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अपने नोटिस भी दिये हैं। कांग्रेस ने लोकसभा में नियम 193 तथा माकपा एवं जनता दल यू ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की है। सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले तथा देश की अर्थव्यस्था को गति देने वाले जीएसटी विधेयक पर भी विपक्ष ने साफ कह दिया है कि यदि उसके संशोधनों को नहीं माना गया तो वह इसका समर्थन नहीं करेंगे। इन दलों का कहना है कि राज्यों तथा उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा को नजरंदाज नहीं किया जाना चाहिए और यदि ऐसा होता है तो वे विधेयक का विरोध करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शीतकालीन सत्र को सुचारु रुप से चलाने में सभी राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील करते हुए उन्हें आश्वस्त किया है कि सरकार असहिष्णुता सहित विपक्ष द्वारा उठाये जाने वाले सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है । उन्होंने कहा है कि सरकार विपक्ष की सभी आशंकाओं को दूर करेगी। संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि सभी दलों ने सहयाेग का आश्वासन दिया है और वह बैठक से संतुष्ट हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार द्वारा बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि संसद को चलाने की जिम्मेदारी सरकार की है और अगर वह विपक्ष की मांगों को मानेगी तभी विपक्षी दल उसका साथ देंगे। श्री आजाद ने दो टूक शब्दों में कहा कि जीएसटी विधेयक में अधिकतम कर की सीमा 18 प्रतिशत निर्धारित की जायेगी तभी कांग्रेस इसका समर्थन करेगी। विपक्षी दलों के इन मुद्दों पर कड़े रूख को देखते हुए लगता है कि संसद में सरकार और विपक्ष में एक बार फिर टकराव स्थिति बन सकती है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि संविधान दिवस तथा बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के योगदान पर चर्चा के लिए बुलायी गयी दो दिन की विशेष बैठक के बाद वे अपने अपने मुद्दे जोर शोर से उठायेंगे। संपादक कृपया शेष पूर्व प्रेषित से जोड़ लें।


     

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