• लगान के हीरो पर बाकी है पैतृक जमीन और बाग का लगान

    हरदोई ! असहनशीलता और देश छोडने के बयान से विवादों में आये अभिनेता निर्माता आमिर खान पर उत्तर प्रदेश के हरदोई में उनकी पैतृक जमीन और बागों पर अब भी लगान बाकी है। अब लगान फिल्म के निर्माता निर्देशक तथा अभिनेता आमिर खान पर लगान बकाया को लेकर प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है, हालांकि अभी यह लगान केवल इसी वर्ष का है जो हर वर्ष 30 सितम्बर को तहसील घोषित करता है और इसी के लिए नियमित प्रक्रिया चल रही है।...

    हरदोई !   असहनशीलता और देश छोडने के बयान से विवादों में आये अभिनेता निर्माता आमिर खान पर उत्तर प्रदेश के हरदोई में उनकी पैतृक जमीन और बागों पर अब भी लगान बाकी है। अब लगान फिल्म के निर्माता निर्देशक तथा अभिनेता आमिर खान पर लगान बकाया को लेकर प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है, हालांकि अभी यह लगान केवल इसी वर्ष का है जो हर वर्ष 30 सितम्बर को तहसील घोषित करता है और इसी के लिए नियमित प्रक्रिया चल रही है। हिंदी फिल्मो के गंभीर कलाकार माने जाने वाले आमिर खान और उनके परिवार पर लगान बाकी होने का मामला पहली बार सुर्ख़ियो में नहीं आया है। इससे पहले पूर्व के वर्षो में भी शाहाबाद तहसील उनको लगान बकाया को लेकर नोटिस जारी कर चुका है। इसमें अरबपति आमिर पर 118 रुपए 20 पैसे जबकि उनकी बहन पर 21 रुपए और बाकी परिवार पर 93 रुपए लगान बाकी है। नियमों के तहत लगान 30 सितम्बर तक तहसील में जमा हो जाना चाहिए। चूंकि यहाँ आमिर खान की सारी जमीन किसी और की देखरेख में हैं इसलिये हो सकता है कि लगान नहीं जमा किया गया हो। तहसील लगान वसूलने की नियमित प्रक्रिया कर रहा है। जिलाधिकारी रमेश मिश्रा ने कहा कि शाहाबाद तहसील के इख्तियारपुर गांव में आमिर खान और इनके परिवार के नाम कुछ जमीन है जिसका कुछ बाकी है वह मेरे संज्ञान में आया है। इसमें तहसील स्तर पर वार्षिक जमाबंदी बनायी जाती है जो इस साल भी बनी है। इस पैसे को जमा करने के लिए सम्बंधित व्यक्ति को सूचित कर दिया जाता है। उसके हिसाब से वो अपना लगान जमा कर देता है इस मामले में भी यही प्रक्रिया अपनायी गयी है। उन्होंने कहा कि लगान जमा नहीं होने पर ही कुर्की या अन्य कार्रवाई की जाती है। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर शाहबाद कस्बे में बसा है इख़्तियारपुर गांव। यह शाहाबाद नगरपालिका का हिस्सा है और यहीं के है अभिनेता आमिर खान। सुपरस्टार जनता की भलाई के मुद्दों को टेलीविजन पर सत्यमेव जयते कार्यक्रम के माध्यम से गंभीरता से उठा रहे हैं लेकिन उनके पुश्तैनी मकान का हाल बेहाल है। आमिर के मकान से कुछ दूर खेतों और बड़े-बड़े बगीचों के बीच में एक सुनसान जगह जहां झाड़-झंखाड़ के बीच सटी हुई जुड़वां इमारत है। यह इमारत उनकी खानदानी मस्जिद है। उस पर 'जामा मस्जिद अली बाग' लिखा था और वह जर्जर, वीरान है। मस्जिद से सटी छत के नीचे आमिर के परदादा हाजी मोहम्मद हुसैन खां की पक्की कब्र बनी है, जिस पर रेत और मिट्टी बिखरी पड़ी है। कब्र के सिरहाने लगा पत्थर बताता है कि इसे हाजी बाकर हुसैन खां ने बनवाया था। गांव के जानकार बताते हैं लगभग 25 एकड़ का यह बाग आमिर की मिल्कियत है। यहाँ करीब दो सौ बीघा जमीन उनके परिवार जिनमे आमिर, फैज़ल और उनकी बहन निकहत खान के नाम है। जमीन को लेकर आमिर का अपने भाई से विवाद भी चल रहा है ।


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