• जीएसटी लागू करना राष्ट्र हित में

    नई दिल्ली | संसद का शीत कालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करना राष्ट्र के हित में है। बैठक के बाद संसदीय मामलों के मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि मोदी ने वित्तमंत्री अरुण जेटली से इस मुद्दे पर सहमति बनाने के लिए सभी दलों से बात करने के लिए कहा है।...

    नई दिल्ली | संसद का शीत कालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करना राष्ट्र के हित में है। बैठक के बाद संसदीय मामलों के मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि मोदी ने वित्तमंत्री अरुण जेटली से इस मुद्दे पर सहमति बनाने के लिए सभी दलों से बात करने के लिए कहा है। नायडू ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में बुधवार को कहा कि जीएसटी विधेयक राष्ट्र हित में है।" उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वित्तमंत्री सभी दलों से विधेयक पर उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए मिलेंगे।" जीएसटी के लिए संविधान (122वां संशोधन) विधेयक-2014 को देश में कर सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। चूंकि यह संविधान संशोधन विधेयक है, इसलिए कानून बनने से पहले इसे संसद के दोनों सदनों से दो-तिहाई बहुमत से पारित कराना होगा और उसके बाद देश के आधे राज्यों के विधानसभा से भी पारित कराना होगा। अभी यह राज्यसभा में लंबित है, जहां सत्ता पक्ष अल्पमत में है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी विधेयक में कराधान पर एक सीमा चाहती है। गांधी ने बेंगलुरू में कहा, "हम विधेयक में कई बदलाव चाहते हैं। हम कराधान की एक ऊपरी सीमा चाहते हैं।" कांग्रेस वस्तुओं के एक राज्य से दूसरे राज्य के साथ होने वाले व्यापार में एक फीसदी अतिरिक्त कर के प्रस्ताव के भी खिलाफ है। कानून बनने के बाद जीएसटी में अधिकतर अप्रत्यक्ष कर समाहित हो जाएगा और पूरा देश एक अखंड बाजार बन जाएगा। इससे कंपनियों को देशभर में कारोबार फैलाने में आसानी होगी और बेहतर आपूर्ति श्रंखला के कारण महंगाई भी घटेगी।


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