कांग्रेस ने दिया नोटिस
नई दिल्ली । संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले सरकार और विरोधी दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो चुकी है। एक ओर देश में असहिष्णुता को लेकर रार छिड़ी है तो वहीं, दूसरी ओर सरकार विपक्ष पर आरोप मढ़ रही है। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट मंत्री वेंकैया नायडू के घर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है।
वेंकैया नायडू ने कहा, 'संसद सत्र शुरू हो रहा है। हमारा मुख्य एजेंडा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस है। जो बिल अब तक लटके हैं उन्हें पास कराने की कोशिश होगी। विपक्ष के सुझावों का स्वागत है।' नायडू ने कहा कि सरकार खुली बातचीत के लिए राजी है। जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए बातचीत बहुत जरूरी है। नायडू के घर पहले बीजेपी नेताओं की बैठक हुई, उसके बाद कैबिनेट की बैठक हुई। शाम को लोकसभा स्पीकर ने सभी दलों की बैठक बुलाई है।
संसदीय कार्य मंत्री नायडू ने कहा कि शीतकालीन सत्र में हम हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। अभिनेता आमिर खान को लेकर उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। जाने-अनजाने में उनके बयान से देश की भावनाएं आहत हुई हैं। नायडू ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में सात नए विधेयकों सहित 38 विधायी दस्तावेज पेश किए जाएंगे।
एनडीए की बैठक में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी, नरेश गुजराल (अकाली दल), मीनाक्षी लेखी, चंद्रकांत खरे (शिवसेना) और सी.एम. रमेश (टीडीपी) भी शामिल रहे। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार संसद में हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। विपक्ष अपनी जिम्मेदारियां समझे और अहम बिलों को ध्यान में रखे। संसद में सिर्फ बहस हो हंगामा ना हो। बैठक में मंत्रियों ने दादरी की घटना, तर्कवादी लेखक एमएम कलबुर्गी की हत्या और ऐसी ही अन्य हालिया घटनाओं पर भी चर्चा की जिनके आधार पर कथित तौर पर बढ़ती असहिष्णुता का अभियान चलाया जा रहा है।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम संसद में चर्चा के लिए तैयार हैं । उन्होंने कहा, 'अगर वे सहनशीलता दिखाएंगे तो हम हर मुद्दे पर चर्चा के लिए राजी हैं। संसद सिर्फ चर्चा के लिए ही है।' उन्होंने कहा यह भी कहा कि विपक्ष पहले सरकार का एजेंडा देखेगा और फिर उस पर चर्चा कर सकता है।
सरकार और सभी दलों की बैठक भी दोपहर में शुरू हुई। जिसमें वेंकैया नायडू, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली के अलावा सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव, सीताराम येचुरी, शरद यादव, चिराग पासवान शामिल रहे। जदयू के अध्यक्ष शरद यादव और माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि विपक्षी दल चाहते हैं कि संसद असहिष्णुता की घटनाओं की निन्दा करते हुए प्रस्ताव पारित करे। वहीं, कांग्रेस ने बुधवार को संसद के दोनों सदनों में असहिष्णुता के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है।
ललित गेट, व्यापमं घोटाला और नेताओं के आपत्तिजनक बयानों के कारण संसद का पिछला सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था। इस वजह से कई अहम बिल अटक गए। शीतकालीन सत्र में सरकार जहां जीएसटी और भूमि बिल समेत कई अहम बिल पास कराने की कोशिश में होगी तो वहीं विपक्ष को एक बार फिर असहिष्णुता का मुद्दा मिल गया है । इसके चलते संसद में हंगामे के आसार हैं। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में है। जानकारी के मुताबिक, लोकसभा में आठ और राज्यसभा में 11 विधेयक लंबित हैं।