• मप्र उपचुनावः भाजपा को लगा करारा झटका, कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया की जीत

    रतलाम। रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट पर कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए भाजपा की निर्मला भूरिया को हरा दिया। कांग्रेस को 5 लाख 35 हजार 781 वोट मिले जबकि भाजपा 4 लाख 46 हजार 904 वोट मिले। दोनों के बीच अंतर 88,877 वोटों का रहा। शुरुआती दौर की मतगणना में भाजपा ने बढ़त बना रखी थी, लेकिन आखिरी राउंड तक भाजपा केवल रतलाम शहर में ही सिमटकर रह गई। ...

    रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट पर कांग्रेस की बड़ी जीत

    झाबुआ, आलीराजपुर, सैलाना, जोबट और रतलाम ग्रामीण से कांग्रेस को जमकर वोट मिले

    रतलाम। रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट पर कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए भाजपा की निर्मला भूरिया को हरा दिया। कांग्रेस को 5 लाख 35 हजार 781 वोट मिले जबकि भाजपा 4 लाख 46 हजार 904 वोट मिले। दोनों के बीच अंतर 88,877 वोटों का रहा। शुरुआती दौर की मतगणना में भाजपा ने बढ़त बना रखी थी, लेकिन आखिरी राउंड तक भाजपा केवल रतलाम शहर में ही सिमटकर रह गई।

    झाबुआ, आलीराजपुर, सैलाना, जोबट और रतलाम ग्रामीण से कांग्रेस को जमकर वोट मिले। जीत की ओर बढ़ती कांग्रेस को देखते हुए रतलाम सहित भोपाल के कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्‍न मनाया। कांग्रेस ने कहा कि जनता ने सरकारी प्रलोभनों को ठुकराते हुए हमें यह जीत दिलाई है। रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट पर भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। यहां झाबुआ और आलीराजपुर सहित रतलाम के इलाकों में सीएम शिवराज सिंह ने एक दिन में कई जगह सभाएं की थी।


    यहां राज्‍य सरकार के कई मंत्री भी चुनाव प्रचार में जुटे थे। लेकिन हार से भाजपा को बड़ा झटका लगा है। कांतिलाल भूरिया का जन्म झाबुआ जिले के राणापुर इलाके के 'मोरडूंडिया' गांव में हुआ था। उन्होंने झाबुआ महाविद्यालय से 1972 में छात्र राजनीति शुरू की। 1974 में उन्‍होंने कानून की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उनका चयन राज्य प्रशासनिक सेवा के जरिए डीएसपी पद के लिए हुआ था। भूरिया ने नौकरी करने के बजाए राजनीति को अपना करियर चुना।

    कांतिलाल भूरिया थांदला से 1980 से 1996 तक 5 बार विधायक चुने गए। इस दौरान वे अर्जुन सिंह कैबिनेट मे संसदीय सचिव रहे तो दिग्विजय सरकार मे मध्य प्रदेश के अजाक मंत्री रहे। 1996 में वह पहली बार सांसद चुने गए और लगातार पांच चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की। 2003 में भूरिया को यूपीए-1 में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री बनाया गया था। यूपीए-2 में उन्हें केंद्रीय ट्राइबल मिनिस्टर बनाया गया। 2011 मे भूरिया को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था लेकिन 2013 का प्रदेश विधानसभा चुनाव हारने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में वे 1.08 लाख से ज्‍यादा वोटों चुनाव हार गए थे।

     

अपनी राय दें