• गोवा की छवि बिगाड़ने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल हो रहा है : पारसेकर

    पणजी । गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने कहा कि कार्यकर्ता कैथोलिक पादरी की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए आंदोलन शुरू करने वाले सिविल सोसाईटी के कार्यकर्ता गोवा की छवि बिगाड़ने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। फादर बिसमाक्र्वी का शव सात नवंबर को रहस्यमयी हालत में मांडोवी नदी में पाया गया था।...

    पणजी । गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने कहा कि कार्यकर्ता कैथोलिक पादरी की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए आंदोलन शुरू करने वाले सिविल सोसाईटी के कार्यकर्ता गोवा की छवि बिगाड़ने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। फादर बिसमाक्र्वी का शव सात नवंबर को रहस्यमयी हालत में मांडोवी नदी में पाया गया था। पारसेकर ने यह भी कहा कि फादर के लिए न्याय मांगने वाले लोग यहां जारी भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव (इफ्फी) और इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) मैचों को गोवा की छवि खराब करने के लिए इस्तेमाल कर रहे थे। उन्होंने कहा, "यह अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव है और ऐसे मुद्दे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचारों की सुर्खियों में आ जाते हैं। ऐसे कृत्य राज्य का नाम खराब करते हैं।" पारसेकर ने कहा, "लोगों को इसके बारे में सोचना चाहिए। मुझे फादर बिसमाक्र्वी के प्रति सहानुभूति है, लेकिन सोशल मीडिया के इस्तेमाल से भीड़ को इकट्ठा कर घारा 144 (सीआरपीसी) की अवहेलना करना..कैसे सही हो सकता है?" यह बयान देते हुए पारसेकर ने शनिवार को पणजी में हुए शांति मार्च का उल्लेख किया, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों सहित करीब 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था। गोवा में इप्फी के आयोजन स्थल से कुछ मीटर की दूरी पर ही यह गिरफ्तारियां हुई। इन गिरफ्तारियों के वीडियो शनिवार से ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदर्शनकारी इस तरह के प्रदर्शन कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सनसनी पैदा करना चाहते हैं।  उन्होंने कहा, "फादर की मौत की जांच की मांग करने वालों के साथ मेरी सहानुभूति है। गोवा पुलिस अपराध शाखा को जांच का कार्य सौंपा गया है।"


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