• लेखिका अरुंधति रॉय ने अपना नेशनल अवॉर्ड लौटाने का किया एेलान

    नई दिल्ली । बुकर प्राइज विजेता अरुंधति रॉय ने आज अपना नेशनल अवॉर्ड लौटाने का एेलान किया। उन्हें 1989 में फिल्म इन विच एन्नी गिव्स् इट दोज वन्स (In Which Annie Gives It Those Ones) के लिए बेस्ट स्क्रीनप्ले का नेशनल अवॉर्ड मिला था। अरुंधति ने कहा, ''पूरी जनता, लाखों दलित, आदिवासी, मुस्लिम और ईसाई आतंक में जीने को मजबूर हैं। उन्हें हमेशा यह डर रहता है कि न जाने कब-कहां से हमला हो जाए।'' वहीं, फिल्म 'जाने भी दो यारो ' बनाने वाले कुंदन शाह ने भी गुरुवार को कहा कि वे इंदिरा गांधी अवॉर्ड लौटाएंगे। नीति आयोग के मेंबर बिबेक देबरॉय ने कहा कि देश में हमेशा इन्टॉलरेंस (असहिष्णुता) रहा है। देश के मौजूदा हालात और इन्टॉलरेंस के मुद्दे पर लेखक, फिल्ममेकर विरोध जताने के लिए अपने अवॉर्ड लौटा रहे हैं। ...

    नई दिल्ली । बुकर प्राइज विजेता अरुंधति रॉय ने आज अपना नेशनल अवॉर्ड लौटाने का एेलान किया। उन्हें 1989 में फिल्म इन विच एन्नी गिव्स् इट दोज वन्स (In Which Annie Gives It Those Ones) के लिए बेस्ट स्क्रीनप्ले का नेशनल अवॉर्ड मिला था। अरुंधति ने कहा, ''पूरी जनता, लाखों दलित, आदिवासी, मुस्लिम और ईसाई आतंक में जीने को मजबूर हैं। उन्हें हमेशा यह डर रहता है कि न जाने कब-कहां से हमला हो जाए।'' वहीं, फिल्म 'जाने भी दो यारो ' बनाने वाले कुंदन शाह ने भी गुरुवार को कहा कि वे इंदिरा गांधी अवॉर्ड लौटाएंगे। नीति आयोग के मेंबर बिबेक देबरॉय ने कहा कि देश में हमेशा इन्टॉलरेंस (असहिष्णुता) रहा है। देश के मौजूदा हालात और इन्टॉलरेंस के मुद्दे पर लेखक, फिल्ममेकर विरोध जताने के लिए अपने अवॉर्ड लौटा रहे हैं। 


    अरुंधति रॉयः 'द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स' की लेखिका रॉय का कहना है कि कलाकारों और बुद्धिजीवियों का यह 'पॉलिटिकल मूवमेंट' एेतिहासिक है। इससे पहले ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा,'' मैं इस बात को लेकर खुश हूं कि मेरे पास एक नेशनल अवॉर्ड है जिसे मैं लौटा सकती हूं। इससे मैं , लेखकों,फिल्मकारों और एकेडेमिक्स के पॉलिटिकल मूवमेंट में हिस्सा लेने का मौका मिल जाएगा।''  कुंदन शाहः कॉमेडी फिल्मों में क्लासिक का दर्जा रखने वाली 'जाने भी दो यारों' के डायरेक्टर कुंदन शाह ने कहा, '' वे आज के माहौल में ऐसी फिल्म नहीं बना पाते, क्योंकि बीजेपी सरकार में है। मैं अपना इंदिरा गांधी अवॉर्ड लौटा दूंगा।'' बिबेक देबरॉयः नीति आयोग के मेंबर ने कहा, ''देश में हमेशा से असहिष्णुता रहा है। यहां कि जीने के तरीके में  भी असहिष्णुता शामिल है।''

अपनी राय दें