ग्रेटर नोएडा ! इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों को आबंटित 43 हजार वर्गमीटर जमीन खाली करने का निर्देश दिया है। इसमें ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सुपरटेक व आम्रपाली बिल्डर का प्रोजेक्ट शामिल हंै। न्यायालय ने गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी को आदेश दिया कि दो माह के अंदर निर्माण को गिराकर भूमि को खाली कराई जाए। न्यायालय के इस आदेश से नॉलेज पार्क-एक के दो कॉलेज व सेक्टर गामा, एक में आबादी की जमीन पर बना जगतफार्म मार्केट भी शामिल है। आज एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने यह आदेश दिया है। न्यायालय के इस आदेश से बिल्डरों व निवेशकों में खलबली मची हुई है। जनकल्याण सेवा ट्रस्ट की तरफ से दाखिल जनहित याचिका की तरफ से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा कब्रिस्तान, तालाब, पशुुचर और आबादी की जमीन को गलत तरीके से बिल्डरों को आबंटित करने का आरोप गया था। ग्रेटर नोएडा वेस्ट पतवाड़ी में कब्रिस्तान की दो हजार वर्गमीटर जमीन सुपरटेक बिल्डर इटैडा गांव में छह हजार वर्गमीटर भूमि तालाब की थी। जिसे प्राधिकरण ने 2009 में बिना पुर्नग्रहण के दोनों बिल्डरों को आबंटित कर दिया था। इसके अलावा तुगलपुर में 35 हजार वर्गमीटर तालाब व आबादी की जमीन को आबंटित किया गया था।