नई दिल्ली ! सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 113वीं जयंती पर अपने फेसबुक वॉल पर पोस्ट के जरिए महात्मा गांधी, अन्ना हजारे के साथ-साथ जयप्रकाश नारायण को मूर्ख करार दिया। काटजू ने यहां तक लिखा की यह तथाकथित लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जयंती है। जेपी की बुद्धि के बारे में अपनी राय जाहिर करते हुए उन्होंने लिखा, हालांकि काटजू ने पोस्ट की शुरुआत में ही स्वीकार कर लिया कि इस पोस्ट के लिए लोग उनकी जमकर आलोचना भी करेंगे। लेकिन जय प्रकाश नारायण के बुद्धि के बारे में मेरी बड़ी ही खराब राय है। दरअसल, उस आदमी के देश में बड़े पैमाने पर व्याप्त समस्या के समाधान के लिए उनके पास कोई वैज्ञानिक विचार नहीं थे। उन्होंने आगे लिखा कि 1954 में जेपी एक और मूर्ख विनोवा भावे के शिष्य बन गए। उन्होंने भावे के बारे कई और बाते कहीं। काटजू ने लिखा कि इस बात में कोई शक नहीं है कि उन्होंने निरंकुश और ताकत की भूखी इंदिरा गांधी के खिलाफ एक बड़े आंदोलन की अगुवाई की लेकिन जब जनता पार्टी सत्ता में आई तो क्या हुआ।