• शिक्षक की पिटाई से छात्र गंभीर,सिर पर चोट, अस्पताल में भर्ती

    धरमजयगढ़/रायगढ़ ! नगर में स्थित उर्सुलाईन इंग्लिश मीडियम माध्यमिक स्कूल में फिर एक बच्चे का सिर शिक्षक की मार बच्चे को गंभीर चोट का मामला सामने आया है , बच्चे के सिर पर अंदरूनी चोंटें आईं है , बच्चे का प्राथमिक उपचार कराया गया है , वहीं चिकित्सक ने बच्चे का सिटी स्केन कराये जाने की सलाह परिजनों को दी है ।...

        धरमजयगढ़ के उर्सुलाईन इंग्लिश मीडियम स्कूल का मामला धरमजयगढ़/रायगढ़ !   नगर में स्थित उर्सुलाईन इंग्लिश मीडियम माध्यमिक स्कूल में फिर एक बच्चे का सिर शिक्षक की मार बच्चे को गंभीर चोट का मामला सामने आया है , बच्चे के सिर पर अंदरूनी चोंटें आईं है , बच्चे का प्राथमिक उपचार कराया गया है , वहीं चिकित्सक ने बच्चे का सिटी स्केन कराये जाने की सलाह परिजनों को दी है । पीडि़त छात्र के अभिभावकों ने फिलहाल पुलिस में मामले की शिकायत नहीं की है , लेकिन आरोपी शिक्षक के उपर कार्यवाही न करने पर शिक्षक के खिलाफ  एफआईआर भी दर्ज कराने की बात अभिभावक कह रहे हैं।   इस संबंध में पीडि़त छात्र अमन गुप्ता के पिता अरूण गुप्ता ने बताया कि उनका बेटा उर्सलाईन इंग्लिश मीडियम स्कूल में कक्षा आठवीं में पढ़ता है , सोमवार 6 अक्टूबर को स्कूल में टेस्ट था, परीक्षा कापी में खरोंच आ जाने के कारण आरोपी शिक्षक द्वारा बच्चे का पॉच अंक काटे जाने की बात कहीं , इस पर बच्चे ने अनजाने में खरोंच आ जाने और अंक न काटने का अनुरोध शिक्षक से किया , इस पर मुॅह लड़ाने की बात कहते हुए शिक्षक ने बच्चे के सिर पर इतनी जोर से मारा कि उसका सिर फट गया, दर्द से बिलबिलाता हुआ , बच्चा वहॉ अचेत सा हो गया , अपने घर पहुॅचकर छात्र ने इस घटना की जानकारी अपने अभिभावकों को दी । बाद में शिक्षकों के कहने पर छात्र की मॉ स्कूल में आई, जहॉ अनजाने में यह घटना हो जाने की बात कहते हुए संस्था में पदस्थ अन्य शिक्षकों ने उनसे क्षमायाचना की, इधर बच्चे का दर्द बढ़ते देख छात्र के अभिभावकों ने बच्चे का उपचार आरंभ किया , चिकित्सक ने गंभीर अंदरूनी चोट का अंदेशा जताते हुए, बच्चे का सिटी स्केन कराने की सलाह दी है, बच्चे के सिर पर अभी भी रह रह कर उठ रहे दर्द को देखते हुए अभिभावकों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं। पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं अनुशासन के नाम पर बच्चों के साथ मारपीट करना और गंभीर रूप से जख्मी कर देने की यह पहली घटना नहीं है , इससे पहले भी इस तरह की शिकायतें इस संस्था के बारे में सुनने को मिलती रही हैं, हालॉकि अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य तथा बीच सत्र में स्कूल से न निकलना पड़े यह सोचकर चुप रह जाते हैं, और संस्था में चल रही मनमानी को एक प्रकार से मौन समर्थन दे देते हैं , ऐसी घटनायें या तो संस्था में ही दबा दी जाती हैं, या पालकों के मान मनौव्वल के बाद दब कर रह जाती हैं, अभी कुछ महीनों पूर्व ही नीचेपारा के एक व्यावसायी परिवार के यहॉ के बच्चे का सिर भी इसी तरह की एक घटना में फूटा था हालॉकि उस समय भी षिक्षक के खिलाफ  एफआरआई दर्ज नहीं कराई गई थी, और भविष्य में इस तरह की घटना न हो , यह बात कह कर समझौता कर लिये थे , लेकिन उस घटना से सबक न लेते हुए फिर से एक बच्चे के साथ मारपीट कर उसे गंभीर रूप से घायल कर देने की घटना इस संस्था में हुई है । मामले को छिपाने झूठ का लेते रहे सहारा गुरूवार को इस मामले में चर्चा के लिए कुछ नागरिक और अभिभावक संस्था में गये तो वहॉ की प्रिंसिपल के बीमार होने के कारण स्कूल न आना बताया गया, बाद में उप प्राचार्य और अन्य शिक्षको ने चर्चा के दौरान शिक्षक की गलती स्वीकार तो की  वहीं बच्चे द्वारा चीटिंग करने और कथित रूप से षिक्षक के साथ गाली गलौच करने की बात पर शिक्षक द्वारा गुस्से में आकर मारपीट करने की बात कहते हुए, माफी मॉगी, इधर पीडि़त छात्र के पिता को सुबह नौ बजे आकर आरोपी शिक्षक से मिलने का समय दिया गया था, जबकि साढ़े दस बजे तक आरोपी शिक्षक के स्कूल में न आने की बात बताई गई, अपने आपको अनुशासन का ठेकेदार मानने वाले इस संस्था के शिक्षक का समय पर न आना ही इनके अनुशासन की पोल खोल गया,  शिक्षक के विरूद्व कार्यवाही के संबंध में पूछे जाने पर प्रबंधन द्वारा उसे निलंबित करने की बात कही गई, लेकिन निलंबन आदेश मॉगने पर प्रबंधन के हाथ पॉव फूल गये, और बाद में मौखिक रूप से निलंबित करने की बात कही गई , इस तरह हर बात पर झुठ का सहारा लेकर प्रबंधन आरेापी शिक्षक को बचाने की कोशिश करता रहा। मनमानी पर रोक नहीं लगा पा रहा प्रशासन प्रशासन निजी स्कूलों की मनमानी को गंभीरता से नहीं लेता है, जिसके कारण इन संस्थाओं में अनाप शनाप फीस और समय समय पर बच्चों को प्रताडि़त किये जाने की घटनायें उजागर होती रहती हैं, साथ ही इन स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता को भी दरकिनार किया जाता है, उर्सलाईन इंग्लिश मीडियम माध्यमिक विद्यालय में भी बच्चों की बैठक व्यवस्था बिल्कुल भी ठीक नहीं है , एक एक बेंच पर तीन तीन बच्चों को बैग के साथ बैठना पड़ता है , निर्धारित सीट से अधिक बच्चों के लेने और पर्याप्त शिक्षक की व्यवस्था न होने कारण अव्यवस्था के बीच बच्चे कक्षा में बैठ तो जाते हैं लेकिन सही बैठक व्यवस्था न होने के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है , लेकिन इस बात की शिकायत अपने शिक्षकों के भय से अपने अभिभावकों से भी नहीं कर पाते हैं, बच्चों को बेतरतीब ढॅग से बैठाने का नजारा इस संस्था में भी देखा जा सकता है, हालॉकि यहॉ भी अनुशासन का हवाला देकर अभिभावकों को भी स्कूल के अंदर जाने से रोका जाता है ।


     

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