• रमन मंत्रिमंडल के अहम निर्णय :अनुकंपा नियुक्ति में दस फीसदी का बंधन शिथिल

    रायपुर । सरकारी विभागों में तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति के लिए 10 प्रतिशत की सीमा बंधन को एक वर्ष के लिए शिथिल करने का निर्णय केबिनेट ने लिया है। इसी तरह कॉलेजों में विद्यार्थियों को लेपटॉप व टेबलेट वितरण का काम अब उच्च शिक्षा विभाग करेगा। पहले यह कार्य चिप्स करता था।...

    रायपुर । सरकारी विभागों में तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति के लिए 10 प्रतिशत की सीमा बंधन को एक वर्ष के लिए शिथिल करने का निर्णय केबिनेट ने लिया है। इसी तरह कॉलेजों में विद्यार्थियों को लेपटॉप व टेबलेट वितरण का काम अब उच्च शिक्षा विभाग करेगा। पहले यह कार्य चिप्स करता था। मंत्रिपरिषद ने यह भी फैसला लिया है कि कम से कम पांच वर्ष तक अचल संपत्ति की जानकारी देने वाले सरकारी कर्मचारियों को ही पदोन्नति मिलेगी। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की सफलता को देखते अब सभी विकासखण्डों में शिविर लगाने का निर्णय लिया गया। केबिनेट की बैठक गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास में हुई। डेढ़-दो घंटे चली बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया कि तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति के   लिए कोई बंधन नहीं होगा। पहले दस प्रतिशत तक सीमा बंधन था। इसे एक वर्ष के लिए शिथिल कर दिया गया है। इससे अनुकम्पा नियुक्ति का इंतजार कर रहे हजारों परिवारों को लाभ मिलेगा। यह भी तय किया गया कि सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति तभी मिलेगी जब उनके द्वारा कम से कम 5 वर्ष तक अचल सम्पत्ति पत्रक भरकर दिया जाएगा। कॉलेज के विद्यार्थियों को लेपटॉप व टेबलेट वितरण का कार्य उच्च शिक्षा विभाग द्वारा करने के प्रस्ताव पर केबिनेट ने मुहर लगा दी है। अब तक चिप्स के द्वारा प्रदेशभर में लेपटॉप वितरण किया जाता था। विभाग के पास कर्मचारियों की कमी को इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया। बैठक में बारिश, खरीफ फसलों की स्थिति और आगामी रबी फसलों तैयारी की समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को प्रदेश में लक्ष्य से अधिक सफलता मिली है। केबिनेट की बैठक में जानकारी दी गई कि एक सप्ताह तक चलाए गए अभियान में राज्यभर में आयोजित मेगा ऋण शिविरों में 54 हजार के लक्ष्य के विरूद्ध 54109 हितग्राहियों को 251 करोड़ स्वीकृत किए गए। अब तक इनमें से 38 हजार से भी अधिक हितग्राहियों को 168 करोड़ का ऋण वितरित किया गया। केबिनेट में इस योजना के लिए बैंकों के योगदान की तारीफ की गई। इसे देखते हुए अब सभी विकासखण्डों में शिविर लगाने का निर्णय लिया गया।


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