• बिसाहड़ा मामला :गांव में लगातार पुलिस की दबिश से क्षुब्ध युवक की मौत

    दादरी । दादरी कोतवाली के बिसाहड़ा गांव में अखलाक की मौत के बाद जांच के लिए चल रही पुलिस दबिश दे रही थी। जिससे पुलिस की डर से क्षुब्ध एक युवक ने मंगलवार सुबह आत्महत्या कर ली। आत्महत्या की घटना के बाद से ग्रामीणें में रोष फैल गया। वहीं गांव की महिलाओं ने आरोप लगाया है...

    दादरी । दादरी कोतवाली के बिसाहड़ा गांव में अखलाक की मौत के बाद जांच के लिए चल रही पुलिस दबिश दे रही थी। जिससे पुलिस की डर से क्षुब्ध एक युवक ने मंगलवार सुबह आत्महत्या कर ली। आत्महत्या की घटना के बाद से ग्रामीणें में रोष फैल गया। वहीं गांव की महिलाओं ने आरोप लगाया है कि एक पक्ष को खुश करने के लिए पुलिसवाले रात में लगातार युवकों के घरों पर दबिश दे रहे है। इसी से डरे युवक ने सुबह जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। वहीं ग्रेटर नोएडा पुलिस ने महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोप को गलत ठहराया है, पुलिस मृतक युवक के घर में दबिश नहीं दे रही थी। युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। बिसाहड़ा गांव में मंगलवार को एक बार फिर तनाव की स्थिति गहरा गई। गांव के रहने वाले जयप्रकाश (22) पुत्र राम अवतार ने सुबह जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। जयप्रकाश मजदूरी का काम करता था। वह ट्रकों में सीमेंट की बोरी को रखता था। उसके पिता की बीमारी की वजह से कुछ दिन पहले ही मौत हुई थी। वहीं डेढ़ साल पहले ही इसकी शादी हुई थी।  उसके घर में दो भाई और एक बहन है। जयप्रकाश की चाची कुसुम ने आरोप लगाया है कि अखलाक की मौत के बाद पुलिस गांव के घरों में लगातार दबिश दे रही थी। यहीं नहीं पुलिस रातों को सीढी लगाकर घर में छापेमारी कर रही है और डर के कारण युवक फरार थे। मंगलवार सुबह वह घर पर आया और कोई जहरीला पदार्थ खा लिया। युवक की मौत की खबर गांव में फैलते ही गांव में रोष का माहौल फैल गया। इस दौरान गांव की कुछ महिलाओं ने गांव के बाहर मुख्य सड़क पर खड़ी इलेक्ट्रिॉनिक मीडिया पर एकपक्षीय खबर दिखाने का आरोप लगाते हुए गांव चलकर आत्महत्या की खबर को दिखाने के लिए कहा। महिलाओं को आता देखकर ही दर्जनभर से अधिक खड़ी ओबी वैन और गाडिय़ां भाग खड़ी हो गई। वहीं, युवक के परिजनों काफी देर तक शव को उठने नहीं दिया। बाद में पुलिस ने परिजनों से बातचीत कर किसी तरह से युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। बिसहाड़ा में स्थिति हुई सामान्य  पिछले एक सप्ताह से ज्यादा अखबार व टीवी चेनलों की सुर्खियों में रहा बिसहाड़ा गांव में लोगों की जिन्दगी धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है। ग्रामीण अपनी दिनचर्या के हिसाब से काम में जुटने लगे हैं। इसके साथ ही पीडि़त परिवार से ताल्लुख रखने वाले लोग भी सामान्य दिखे। मंगलवार को मीडिय़ा और स्थानीय नेताओं का जमावड़ा भी ओझल होता दिखा। वहीं प्रशासन के आलाधिकारी लगातार बिसाहड़ा गांव के हालातों से रूबरू होते दिखे। डीएम एनपी सिंह ने तहसील दिवस के बाद बिसाहड़ा समेत आसपास के गांव के हालातों का जायजा लिया। इसके साथ ही गांव के प्राथमिक स्कूल का भी निरीक्षण किया। डीएम ने गांव में अमन शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए महौलवार बैठक कर स्थिति जांची। डीएम समेत आलाधिकारियों ने बिसाहड़ा गांव में मोहल्लेवार छह समितियों का गठन किया है। डीएम एनपी सिंह ने बताया कि गठित समिति गांव में आपसी भाईचारा कायम रखने का काम करेंगी। बता दें कि 28 सितम्बर को अखलाक की ग्रामीणों ने पीटपीटकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद गांव का माहौल बिगड़ गया था। हत्या के बाद से ही गांव में लगे राजनेताओं के जमावड़े के चलते गांव पिछले सात दिनों से अखबार व टीवी चेनलों की सुर्खियां बना हुआ था। जो ग्रामीणों को रास नहीं आ रहा था। गांव की बदनामी के चलते ग्रामीणों ने मीडिय़ा को भी गांव से खदेड़ दिया था। लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाने वाला मीडिय़ा ग्रामीणों ने खदेड़े जाने के बाद पिछले तीन दिनों से गांव के बाहर पड़ा था। वहीं घटना के नावें दिन गांव में अमन शांति की बयार बहते ही गांव से मीडिय़ा व कुछ छुटभैया नेता मंगलवार को ही ओझल होते दिखाई दिए। गांव के स्कूल में बच्चों ने भी पठन-पाठन किया। प्रशासन के उच्च अधिकारी समय समय पर गांव का दौरा कर स्थिति की जांच पड़ताल में लगे रहे। कहीं नहीं जाएगा अखलाक का परिवार  बिसाहड़ा में अखलाक की हत्या के बाद जहां राजनीतिक दंगल सजे वहीं दूसरी ओर अटकलों और अफवाहों का बाजार भी गर्म रहा। उड़ी अफवाह का मृतक अखलाक के भाई जान महोम्मद ने खंडन किया है। बता दें कि अफवाह उड़ी थी कि मृतक अखलाक का परिवार गांव से पलायन करेगा। जिसके बाद जिला प्रशासन भी सकते में आ गया था। मीडिया ने मामले को और तूल पकड़ा दिया। मंगलवार शाम अकलाख के भाई जान मोहम्मद मीडिया से रूबरू हुए। जिसके बाद जान मोहम्मद ने उड़ रही अफवाह को हवा-हवाई करार देते हुए खंडन किया। उन्होंने कहा कि परिवार कहीं भी पलायन नहीं करेगा। हालांकि उन्होंने माना कि उनका परिवार काफी डरा सहमा हुआ है। परिवार की महिलाओं और पुरूषों के साथ हुई वारदात के बाद घर की महिलाएं काफी सकते में है। वह उस भयानक मंजर को भूल नहीं पा रही है। इसके साथ ही अखलाक के भाई ने एक समाचार पत्र में छपी खबर का भी खंडन करते हुए बताया कि अखलाक ने हज यात्रा के बाद किसी भी मस्जिद में कोई सभा नहीं की थी। उन्होंने इसे सोची समझी साजिश करार दिया। अखलाक के भाई ने बताया कि जिन लोगों के खिलाफ  मामला दर्ज कर पुलिस कार्रवाई कर रही है। वे सब उस भीड़ का हिस्सा थे, जिन्होंने उसके भाई की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी और महिलाओं को खदेड़ा था। अखलाक के भाई जान महोम्मद ने बताया कि उसकी भतीजी ने उस भीड़ में जिन लोगों को पहचाना उनका नाम पुलिस को बता दिया। उन्हें पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर पूरा भरोसा है। हालांकि जान महोम्मद ने माना कि अब तक ग्रामीणों के बीच वे अपने आपको व परिवार को महफुज मानते थे। कई कई दिनों के परिवार के लोग परिवार में महिलाओं और बच्चों को उनके भरोसे छोड़कर चले जाते थे। लेकिन अब बस्ती से उनका विश्वास उठ गया है। महिलाएं गांव में अपने आपको असुरक्षित मान रही है। महिलाओं द्वारा उन पर गांव छोडऩे का दवाब भी बनाया जा रहा है।


     

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