• भाकपा का वादा- धन्नासेठों के खजाने से पैसा निकाल कर आम जनता के लिए खुशहाली लाएंगे

    मतदाताओं के नामजारी एक अपील में पार्टी ने कहा है कि पिछले लोक सभा चुनाव में बडे-बडे लुभावने वादे करके भाजपा गठबंधन जीत गया और इसने केन्द्र में सरकार बनायी। उन वादों का क्या हुआ ?‘ अच्छे दिन’ नहीं आये। गरीबों को लाखपति बनाने का वादा किया था। कहा था कि विदेशों से कालाधन लाकर गरीबों के खाते में 15-15 लाख रुपया जमा कर देंगे। न कालाधन आया, न गरीबों के खाते में जमा हुआ। पूछने पर वे कहते हैं कि ये वादे तो महज ‘चुनावी जुमले’ थे! इस विधान चुनाव में भी वे ऐसे ‘चुनावी जुमले’ खूब उडा रहे हैं। इसलिए सावधान हो जाइए। वामपंथ ही सही विकल्प है।...

    न सम्प्रदायवाद, न जातिवाद, बिहार को चाहिए वामपंथी सेकुलर जनवाद

    बिहार विधान सभा चुनाव में मतदाताओं से सी.पी.आई. की अपील

    पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने कहा है कि कांग्रेस ने 40 साल बिहार पर राज किया। वह विफल रही तो जनता ने उसको ठुकरा दिया। उसकी हालत यह हो गयी कि वह अब जदयू और राजद की बैशाखी के सहारे चल रही है। 25 साल से जनता राजद-जदयू का राज देख रही हैं। वे भी बिहार को गरीबी, पिछड़ेपन, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अपराध आदि व्याधियों से छुटकारा दिलाने में फेल हो गये हैं।

    भाकपा ने कहा है कि सी.पी.आई. और संयुक्त वाम ब्लॉक बदलाव के लिए चुनाव लड़ रहा है, इसलिए संयुक्त वाम ब्लॉक को चुनें।

    मतदाताओं के नामजारी एक अपील में पार्टी ने कहा है कि पिछले लोक सभा चुनाव में बडे-बडे लुभावने वादे करके भाजपा गठबंधन जीत गया और इसने केन्द्र में सरकार बनायी। उन वादों का क्या हुआ ?‘ अच्छे दिन’ नहीं आये। गरीबों को लाखपति बनाने का वादा किया था। कहा था कि विदेशों से कालाधन लाकर गरीबों के खाते में 15-15 लाख रुपया जमा कर देंगे। न कालाधन आया, न गरीबों के खाते में जमा हुआ। पूछने पर वे कहते हैं कि ये वादे तो महज ‘चुनावी जुमले’ थे! इस विधान चुनाव में भी वे ऐसे ‘चुनावी जुमले’ खूब उडा रहे हैं। इसलिए सावधान हो जाइए। वामपंथ ही सही विकल्प है।


    छह वामपंथी दलों के इस नये गठबंधन ने बिहार के विकास का एक नया एजेन्डा पेश किया है। इस एजेन्डा में जनता की सभी समस्याओं के समाधान के उपाय बताये गये हैं, लेकिन सबसे ज्यादा जोर रोजगार पर दिया गया है। सबको राजगार देने के दूरगामी लक्ष्य की शुरूआत में सभी परिवार में कम से कम एक स्थायी रोजगार देने का वादा किया गया है। संयुक्त वाम ब्लॉक की समझ है कि सबको रोजगार राज्य की अनेक समस्याओं के समाधान की कुन्जी है।

    भाकपा ने कहा है कि भाजपा साम्प्रदायिक आर एस एस-संघ परिवार का राजनीतिक मुखौटा है। विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, शिव सेना, श्रीराम सेना आदि अनेक उग्र साम्प्रदायिक संगठन इसके सहयोगी हैं। इन्हीं ताकतों ने आजादी की लडाई के नेता महात्मा गांधी की हत्या की। आज भी वे अंधविश्वास के खिलाफ प्रचार करनेवालों की हत्या कर रहे हैं। अगस्त 2013 में पुणे में नरेन्द्र दाभोलकर की हत्या, फरवरी 2015 में कोल्हापुर में भेटरन कम्युनिस्ट और मजदूर नेता गोविन्द पानसरे की हत्या और अभी 30 अगस्त 2015 को कर्नाटक के धारवाड़ में कन्नड़ के विद्वान और हम्पी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो एम एम कलबुर्गी की हत्या इसका प्रमाण है। 

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