• आडवाणी, जोशी और शत्रुघ्न बिहार में चुनावी प्रचार से दूर

    नई दिल्ली ! भाजपा के 40 स्टार प्रचारकों की सूची में नाम होने के बावजूद पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पार्टी के पूर्व राष्टï्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी और बिहारी बाबू के नाम से मशहूर, अपने जमाने के प्रसिïद्घ फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा इस बार बिहार में पार्टी के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगने नहीं जा रहे हैं। ...

    जयशंकर गुप्त स्टार प्रचारकों की सूची में छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों के नाम नदारद नई दिल्ली !   भाजपा के 40 स्टार प्रचारकों की सूची में नाम होने के बावजूद पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पार्टी के पूर्व राष्टï्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी और बिहारी बाबू के नाम से मशहूर, अपने जमाने के प्रसिïद्घ फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा इस बार बिहार में पार्टी के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगने नहीं जा रहे हैं। भाजपा सूत्रों के अनुसार अभी तक इन नेताओं में से किसी के चुनावी दौरे के कार्यक्रम नहीं तय किए गए हैं।  दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ अक्टूबर को बिहार के मुंगेर, समस्तीपुर, नवादा और बेगूसराय में चार बड़ी चुनावी रैलियों को संबोधित करनेवाले हैं। वह दो चुनावी रैलियां पहले भी कर चुके हैं और चुनाव संपन्न होने तक उनके तकरीबन डेढ़ दर्जन रैलियों को संबोधित करने की बात है। शायद इसलिए भी कि बिहार विधानसभा का चुनाव भाजपा और उसके नेतृïïत्ववाला राजग उनके ही नेतृत्व में लड़ रहा है। भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी के भीतर असंतुष्टï चल रहे भाजपा के बुजुर्ग नेताओं-आडवाणी, जोशी और शत्रुघ्न सिन्हा के नाम स्टार प्रचारकों की सूची में इसलिए दिए गए हैं, क्योंकि नाम नहीं देने से मीडिया में नकारात्मक प्रचार को बढ़ावा मिलता। हालांकि यह पहले से ही तय था कि इन नेताओं को कहीं चुनाव प्रचार में नहीं भेजा जाएगा। भाजपा के आधिकारिक सूत्र इसके लिए कारण भी बताते हैं कि नेताओं के चुनावी दौरे के कार्यक्रम प्रदेश, जिला इकाइयों और उम्मीदवारों की मांग के हिसाब से ही लगाए जा रहे हैं। दूसरी तरफ, भाजपा के एक वरिष्ठ नेता गुमनामी की शर्त पर बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी को फूटी आंख भी नहीं सुहानेवाले इन नेताओं को अपने जिले और क्षेत्र में आलाकमान का कोपभाजन बनने का साहस कौन जुटा सकेगा। भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में प्रधानमंत्री मोदी और पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के साथ ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, विदेशमंत्री सुषमा स्वराज, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, पूर्व केेंद्रीय मंत्री सैयद शहनवाज हुसैन और नितिन गड़करी समेत केंद्र सरकार के और भी कई मंत्रियों, पार्टी के पदाधिकारियों, नेताओं के नाम भी शामिल किए गए हैं। सूची में भाजपा शासित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास के नाम तो हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नाम नहीं हैं। बिहार से भी पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, गिरिराज सिंह, रामकृपाल यादव, अश्विनी चौबे आदि के भी नाम हैं, जबकि पार्टी के टिकट वितरण में पक्षपात एवं धांधली के आरोप लगानेवाले सांसद एवं पूर्व गृह सचिव राजकुमार सिंह, छेदी पासवान और पूर्व क्रिकेटर सांसद कीर्ति झा आजाद इस सूची से बाहर हैं। छेदी पासवान अपने पुत्र रवि पासवान को पार्टी का उम्मीदवार बनाना चाहते थे,लेकिन उन्हें यह कहकर मना कर दिया गया था कि किसी सांसद के पुत्र को विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलेगा। लेकिन पासवान इस बात पर क्रुद्घ हैं कि सीपी ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर और अश्विनी चौबे के पुत्र अर्जित शास्वत को टिकट दे दिया गया। इससे खफा छेदी पासवान अपने बेटे को निर्दलीय चुनाव लड़वा रहे हैं।  


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