• सफलताओं से बढ़ी साख

    छत्तीसगढ़ पुलिस ने दो बड़ी कामयाबी हासिल की। बस्तर पुलिस ने नक्सलियों को बारुद की सप्लाई करने वालों को पकड़ लिया तो रायपुर पुलिस ने 10 लाख की फिरौती के लिए एक उद्योगपति के अपहरण का मामला कुछ घंटों में ही सुलझा लिया। इन दोनों मामलों में पुलिस को मिली सफलता के लिए सरकार और लोगों ने प्रशंसा की।...

    छत्तीसगढ़ पुलिस ने दो बड़ी कामयाबी हासिल की। बस्तर पुलिस ने नक्सलियों को बारुद की सप्लाई करने वालों को पकड़ लिया तो रायपुर पुलिस ने 10 लाख की फिरौती के लिए एक उद्योगपति के अपहरण का मामला कुछ घंटों में ही सुलझा लिया। इन दोनों मामलों में पुलिस को मिली सफलता के लिए सरकार और लोगों ने प्रशंसा की। पुलिस की अक्सर आलोचना ही होती रही है मगर उसे यह नहीं समझना चाहिए की उसकी सफलताओं की प्रशंसा करने वालों की कोई कमी है। इन घटनाओं पर जो प्रतिक्रिया आई है वह अपने आप में उदाहरण है कि पुलिस की नाकामियों पर ही नहीं कामयाबियों पर भी लोगों की नजर रहती हैं। उसे तो बस शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जरुरी उपायों पर काम करते रहना चाहिए। बस्तर पुलिस ने ओडिशा से नक्सलियों की आने वाली बारुद की सप्लाई से जुड़े लोगों का तार काटकर इस दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। नक्सली इस बारुद का प्रयोग भूमिगत बारुदी सुरंगें बिछाने में करते थे। बस्तर इन सुरंगों के विस्फोट में सैकड़ों लोगों की जान जाने का गवाह है। करीब पौने दो टन विस्फोटक सामग्री बरामद की गई और एक माइनिंग इंजीनियर के साथ सात लोग पकड़े गए। उन्हें पकडऩा आसान भी नहीं था। पुलिस को जाल बिछाना पड़ा और बड़ी सूझबूझ से उसमें इन्हें फंसा लिया गया। पुलिस ने बारुद सप्लाई करने वालों से खरीदार बनकर मिली और सौदे का लालच देकर पकड़ लिया। यही तो स्पार्ट पुलिसिंग हैं। अगर वह सूझबूझ से काम नहीं लेती तो भिलाई के  उद्योगपति की भी अपहर्ताओं से रिहाई कुछ घंटों में संभव नहीं होती। इस तरह के मामलों में पुलिस की सफलता बड़े-बड़े अपराधियों के मन में डर पैदा करने वाली है। फिरोती के लिए अन्यथा आपसी रंजिश में अपहरण की कुछ घटनाएं प्रदेश में पहले भी हुई हैं पर कई मामलों में समय रहते पुलिस कामयाब नहीं हो पाई। इनमें कुछ मामले प्रदेशव्यापी चिंता का कारण भी बने थे। विशेषकर बच्चों के अपहरण की घटनाओं ने शासन-प्रशासन को सोचने पर मजबूर कर दिया था। जरुरी यह है कि पुलिस अपराध की बढ़ती प्रवृत्ति और प्रकृति पर निरंतर काम करती रहे। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उद्योगपति के अपहरण मामले में सफलता के लिए पुलिस को इनाम दिया तो उसका संदेश भी यही है कि वह हर आपराधिक मामले में इसी तरह सफल हो। पूरे छत्तीसगढ़ में एक साल में करीब 900 अपहरण के मामले सामने आए हैं। इनमें हालाकि 14 फीसदी मामले ही फिरौती के लिए अपहरण के हैं। बाकी 20 फीसदी बलात्कार के तथा आपसी रंजिश के हैं। इसका मतलब यह है अपहरण जैसे अपराध की प्रवृत्ति को रोकने के लिए विभिन्न स्तरों पर काम करने की जरुरत है। अपहरण के अपराध के इन आंकड़ों में नक्सलियों द्वारा अपहृत लोगों केे मामले भी शामिल हैं।

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