“आरएसएस मुक्त भारत” लिए पूर्व जजों ने निकाली रैली
नई दिल्ली। 'फासीवादी' सरकार के खिलाफ एकता के लिए आग्रह करते हुए “आरएसएस मुक्त भारत” के लिए पुणे में पूर्व जजों ने एक रैली का आयोजन किया।
अल्पसंख्यक समुदाय व दलितों के प्रति वर्तमान सरकार के दमनात्मक रवैये की आलोचना करते हुए उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश बीजी खोसले पाटिल, जिन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीस जस्टिस पी.बी. सावंत के साथ देश बचाओ अगाढ़ी बनाया है, ने सरकार पर कट्टरपंथी भगवा संगठनों के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए 'आरएसएस मुक्त भारत' अभियान की शुरूआत की।
देश बचाओ अगाढ़ी के नेतृत्व में महाराष्ट्र के कोने-कोने से अनेक अल्पसंख्यक व दलित संगठनों ने रविवार को शनिवारवाड़ा में आयोजित रैली में शिरकत की।
एक अंग्रेजी समाचार पोर्टल पुणे मिरर में प्रकाशित खबर के मुताबिक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता जितेन्द्र अवहाद एवं श्रीमंत कोकाटे, पूर्व आईपीएस अफसर एस एम मुशरिफ, मुस्लिम मूलनिवासी मंच के अध्यक्ष अंजुम इनामदार ने भी रैली को संबोधित किया।
कोकाटे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को एक आतंकवादी संगठन करार दिया, वे केंद्र सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों की आलोचना की व सरकार को अफसरों को "फासिस्ट" कहा।
कोकाटे ने कहा कि यदि हम इस देश में इंसानियत की रक्षा करना चाहते हैं, तो हमें दलित-मुस्लिम व आदिवासियों को एक साथ लाना होगा। मानवता तभी जीवित रह सकती है। कोकाटे ने नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को हत्यारा बताया।
जस्टिस पी. बी. सावंत ने कहा कि देश में लोकतंत्र के मूल्यों को कुचला जा रहा है।