• आउटसोर्सिंग पर सरकार अडिग

    रायपुर ! स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप व पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा है कि आउट सोर्सिंग के मुद्दे पर सरकार अपने रूख पर कायम है। उन्होंने दावा किया है कि बस्तर व सरगुजा विकास प्राधिकरण की बैठक में कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने शिक्षकों की आउट सोर्सिंग की भर्ती का समर्थन किया था। लेकिन विपक्षी दल अब इसका विरोध कर रहे है।...

    विशेषज्ञ शिक्षक मिलने के बाद बंद की जाएगी व्यवस्था    कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने भी किया था समर्थन    शिक्षा मंत्री व पंचायत मंत्री ने सरकार के रुख को किया साफ रायपुर !  स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप व पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा है कि आउट सोर्सिंग के मुद्दे पर सरकार अपने रूख पर कायम है। उन्होंने दावा किया है कि बस्तर व सरगुजा विकास प्राधिकरण की बैठक में कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने शिक्षकों की आउट सोर्सिंग की भर्ती का समर्थन किया था। लेकिन विपक्षी दल अब इसका विरोध कर रहे है। श्री चंद्राकर ने कहा- प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए केवल बस्तर-सरगुजा के 64 ब्लाकों में विषय विशेषज्ञों की भर्ती की जाएगी। सरकार ने 13 बार विज्ञापन जारी कर भर्ती का प्रयास किया, लेकिन शिक्षक नहीं मिले। इसलिए प्लेसमेंट से भर्ती करने का निर्णय केबिनेट ने लिया। बस्तर-सरगुजा क्षेत्र में शिक्षकों की कमी का एक कारण माओवाद भी है। यह एक अस्थायी व्यवस्था है। शिक्षक मिलने पर आउट सोर्सिंग व्यवस्था बंद कर दी जाएगी। आउट सोर्सिंग के मुद्दे पर कांग्रेस के लगातार विरोध को देखते हुए शासन का पक्ष रखने रविवार को दोनों मंत्रियों ने संयुक्त पत्रकारवार्ता बुलाई थी। श्री चंद्राकर ने कहा- शिक्षकों की कमी नहीं है। एक भौगोलिक विशेष क्षेत्र में शिक्षक नहीं जा रहे हंै। शासन ने 13 बार प्रयास किए, इसके बावजूद व्यवस्था नहीं सुधरी। इसके कारण आउट सोर्सिंग का सहारा लेना पड़ा। 64 ब्लाकों में विषय विशेषज्ञों की भर्ती की जाएगी। मैदानी क्षेत्रों के लिए यह नियम नहीं है, लेकिन इसके बारे में दुष्प्रचार किया जा रहा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- सभी 64 ब्लाक माओवाद प्रभावित नहीं है, फिर भी विशेषज्ञ नहीं जा रहे है। श्री चंद्राकर ने स्वीकार किया कि शिक्षकों की कमी का एक कारण नक्सलवाद हो सकता है। उन्होंने कहा- शिक्षकों की कमी के लिए जो लोग आरोप लगा रहे हैं, वही इसके लिए जिम्मेदार हैं। जिन 64 ब्लाकों में भर्ती की जाएगी, उनमें कई क्षेत्र ऐसे हैं, जो नक्सल प्रभावित नहीं है। स्थानीय लोगों को भी भर्ती में मौका मिलेगा। श्री कश्यप ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पुस्तकों की खरीदी में कमीशन को लेकर जिन लोगों ने आरोप लगाए हैं उनका भुगतान हो गया है। उसके बाद भी आरोप लगा रहे हैं। उनका भुगतान बकाया नहीं है। केवल बदनाम करने का प्रयास है। उन्होंने कहा- नियमों में बदलाव करने के कारण अक्षेत्रीय लोगों को भी पुस्तकों की सप्लाई में काम मिलने लगा है। माध्यमिक शिक्षा मंडल में एनएसयूआई के द्वारा किए गए प्रदर्शन को उन्होंने शर्मनाक बताते हुए इसकी निंदा की। उन्होंने कहा- ऐसी घटना नहीं हो, इसके लिए विपक्ष से आग्रह किया। संघ  के विद्या मितान को काम देने की तैयारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने आउट सोर्सिंग के मुद्दे पर सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि आरएसएस के विद्या मितान को ठेका देने की तैयारी है। उन्होंने सरकार की नक्सलियों के साथ मिलीभगत होने का आरोप लगाते हुए कहा- आरएसएस कार्यकर्ताओं पर क्यों हमले नहीं होते हंै। इस मुद्दे पर उन्होंने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने मांग की है। श्री बघेल ने मंत्री चंद्राकर के बयान को गलत बताते हुए कहा, बस्तर-सरगुजा विकास प्राधिकरण की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई। दोनों मंत्रियों ने मीडिया को इस बारे में गलत जानकारी दी है।


     

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