• काले धन का बड़ा हिस्सा देश में : जेटली

    नई दिल्ली | केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि काला धन का एक बड़ा हिस्सा देश में ही है। उन्होंने आम लोगों से तौर तरीका बदलने का आग्रह किया है ताकि प्लास्टिम मुद्रा का उपयोग बढ़े और नकद लेन-देन घटे। जेटली के फेसबुक खाते में रविवार को 'काला धन के विरुद्ध राजग सरकार का अभियान' शीर्षक से पोस्ट की गई एक टिप्पणी में कहा गया ...

    नई दिल्ली | केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि काला धन का एक बड़ा हिस्सा देश में ही है। उन्होंने आम लोगों से तौर तरीका बदलने का आग्रह किया है ताकि प्लास्टिम मुद्रा का उपयोग बढ़े और नकद लेन-देन घटे। जेटली के फेसबुक खाते में रविवार को 'काला धन के विरुद्ध राजग सरकार का अभियान' शीर्षक से पोस्ट की गई एक टिप्पणी में कहा गया है कि सरकार एक सीमा से अधिक नकद हस्तांतरण में पैन कार्ड नंबर देने की व्यवस्था करने के आखिरी चरण पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार की रणनीति कर छूट की सीमा बढ़ाकर मध्य और निम्न आय वर्ग के लोगों के हाथ में अधिक धन देना और बचत को प्रोत्साहन देना है। इससे खपत बढ़ेगी और आखिरकार अप्रत्यक्ष कर वसूली भी बढ़ेगी। जेटली ने कहा कि भुगतान गेटवे, इंटरनेट बैंकिंग, भुगतान बैंक और ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने से बैंकों के जरिए लेन-देन और प्लास्टिक मुद्रा का उपयोग बढ़ेगा। जेटली ने कहा है, "काला धन का एक बड़ा हिस्सा देश में ही है। हमें सोच बदलने की जरूरत है, ताकि प्लास्टिक मुद्रा का उपयोग आम हो और नकद लेन-देन अपवाद हो। इस बदलाव को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार कई विभागों के साथ मिलकर काम कर रही है।" उन्होंने कहा कि रियायत अवधि के दौरान जिन लोगों ने विदेशों में जमा काले धन का खुलासा कर दिया है, वे चैन से सो सकते हैं, जिन्होंने ऐसा नहीं किया है, उनपर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा है, "उन्हें 30 फीसदी कर और 90 फीसदी जुर्माना देना होगा। इस कानून से भविष्य में देश से पूंजी के बाहर जाने पर रोक लगेगी।" जेटली ने कहा है, "अगले दो वर्षो में (किसी देश के नागरिक द्वारा दूसरे देश में जमा की गई राशि के बारे में सूचनाओं का आदान-प्रदान पर) अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की व्यवस्था तैयार हो जाएगी। इसलिए विदेश में अघोषित संपत्ति रखने वालों की सूचना आखिरकार कर विभाग के पास पहुंच जाएगी।" मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा दी गई रियायत अवधि में 638 लोगों ने विदेश में 3,770 करोड़ रुपये राशि जमा रखने की बात कबूली है। जेटली ने कहा कि लिचेंस्टीन और एचएसबीसी बैंक-जेनेवा में अवैध संपत्ति रखने वालों के विरुद्ध भी कर मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कानून के उल्लंघन के मामलों में आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन खातों में अधिकतम करीब 6,500 करोड़ रुपये जमा होने का पता चला है। उन्होंने टिप्पणी में कहा कि देश में मौजूद काले धन के विरुद्ध अलग से कदम उठाए जाएंगे।


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