• वामदलों का आरोप- व्यापमं घोटाले को दबाने की कोशिशें जारी

    वामपंथी नेताओं ने कहा कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के शीर्ष राजनैतिक, प्रशासनिक नेतृत्व की लिप्तता और 49 संदिग्ध मौतों वाले अब तक के सबसे बड़े घोटाले को तार्किक अंत तक पहुंचाने के लिए जरूरी है कि सीबीआई जांच की निगरानी सर्वोच्च न्यायालय करे और इससे संबंधित मुकदमों की सुनवाई मध्य प्रदेश से बाहर किसी सक्षम न्यायालय में की जाए।...

     भोपाल। वामपंथी दलों ने मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार पर व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच को दबाने और अपराधियों को बचाने की कोशिशें जारी रखने का आरोप लगाया है।

    राजधानी भोपाल में मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव बादल सरोज, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राज्य सचिव अरविंद श्रीवास्तव, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया(कम्युनिस्ट) के राज्य सचिव प्रताप सामल और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्‍सवादी लेनिनवादी (सीपीआई-माले) लिबरेशन के देवेन्द्र सिंह चौहान ने संयुक्त पत्रकारवार्ता में कहा, "अब तक के ज्ञात सबसे बड़े घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी जा चुकी है। लेकिन सीबीआई द्वारा उच्च न्यायालय में यह कहना कि मध्य प्रदेश सरकार जांच में सहयोग नहीं कर रही है, इस आम धारणा की पुष्टि करता है कि प्रदेश सरकार इस घोटाले को दबाने और अपराधियों को बचाने के लिए किसी भी तरह के अपराध को अंजाम दे सकती है।"

    उन्होंने आगे कहा कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के शीर्ष राजनैतिक, प्रशासनिक नेतृत्व की लिप्तता और 49 संदिग्ध मौतों वाले अब तक के सबसे बड़े घोटाले को तार्किक अंत तक पहुंचाने के लिए जरूरी है कि सीबीआई जांच की निगरानी सर्वोच्च न्यायालय करे और इससे संबंधित मुकदमों की सुनवाई मध्य प्रदेश से बाहर किसी सक्षम न्यायालय में की जाए


    वामपंथी नेताओं ने कहा, "सीबीआई द्वारा उच्च न्यायालय में दिए गए बयान के बाद अब और आवश्यक हो जाता है कि जांच पूरी होने तक शिवराज सिंह मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दें।"

    वामपंथी नेताओं ने आगे कहा, "डीमेट की जांच के लिए भी सीबीआई को समुचित अमला तथा संसाधन मुहैया कराया जाए। गड़बड़ी अवधि के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रभार में रहे सभी मंत्रियों और प्रमुख सचिवों को भी अभियुक्त बनाया जाए।"

    उन्होंने झाबुआ के पेटलावद में हुए विस्फोट पर सरकार के रवैए पर चिंता जताई और कहा, "एक पखवाड़े से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद भी जांच आगे नहीं बढ़ी है। मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करना तो दूर, सारे प्रयत्न उसे बचाने और मामले को खुर्दबुर्द करने की हो रही है। इस मामले को भी सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए।"

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