• अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की मुहिम

    मुंबई ! अल्पकालिक नीतिगत दरों में आधी फीसदी की अप्रत्याशित कटौती कर सभी को आश्चर्यचकित करने वाले रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि दीर्घकाल तक महंगाई को काबू में रखने के लक्ष्य के साथ ही अर्थव्यवस्था के लिए जो सबसे बेहतर हो सकता था किया गया है।...

    महंगाई को काबू में रखने के लक्ष्य पर लिया गया फैसला मुंबई !   अल्पकालिक नीतिगत दरों में आधी फीसदी की अप्रत्याशित कटौती कर सभी को आश्चर्यचकित करने वाले रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि दीर्घकाल तक महंगाई को काबू में रखने के लक्ष्य के साथ ही अर्थव्यवस्था के लिए जो सबसे बेहतर हो सकता था किया गया है। राजन ने एक निजी टेलीविजन को दिए साक्षात्कार में कहा अर्थव्यवस्था के लिए जो सकारात्मक हो सकता था हमने किया है हम अभी ऐसी परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं जैसी स्थिति इससे पहले भारत में नहीं रही है। वर्तमान में अर्थव्यवस्था अधिक एकीकृत हुयी है। यही वह समय है जब हमें महंगाई से लड़ते हुये भारत की विश्वसनीयता को स्थापित करनी है। पहले ब्याज दरों में कटौती नहीं किये जाने के लिए आलोचना करने वालों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, आधी फीसदी की कटौती कर मैंने आलोचकों का मुंह बंद नहीं किया है और न ही मेरा यह लक्ष्य था। आलोचकों के रुख में बदलाव नहीं आयेगा लेकिन हमें अपनी गतिविधियों में बदलाव करना होता है। हम सिर्फ और सिर्फ अर्थव्यवस्था को देख रहे थे तथा महंगाई को दीर्घकाल तक काबू में रखने के लक्ष्य के साथ ऐसी स्थिति में सबसे बेहतर जो किया जा सकता था किया गया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर चीन के प्रभाव को कम आंका गया है। वैश्विक स्तर पर सकंट गहराने का तीसरा चरण है। पहला चरण सब प्राइम संकट था। उसके बाद यूरोपीय संकट आया और अब चीन का संकट आया है जिसका असर न सिर्फ उभरते बाजारों पर पड़ा है बल्कि रूस और ब्राजील भी इसकी चपेट में है।


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