• फसल चौपट होने से दुखी किसान ने आत्महत्या की

    बैतूल | मध्य प्रदेश में अच्छी बारिश न होने से फसलें चौपट हो रही है, किसान हताश और परेशान है। बैतूल जिले में तो फसल के चौपट होने से एक किसान इतना मायूस हो गया कि उसने खेत पर ही बिजली के टावर से लटककर आत्महत्या कर ली। जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर बी पाटिल ने इस मामले में भैंसदेही अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) आदित्य रिछारिया को जांच के आदेश दिए हैं। ...

    बैतूल | मध्य प्रदेश में अच्छी बारिश न होने से फसलें चौपट हो रही है, किसान हताश और परेशान है। बैतूल जिले में तो फसल के चौपट होने से एक किसान इतना मायूस हो गया कि उसने खेत पर ही बिजली के टावर से लटककर आत्महत्या कर ली। जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर बी पाटिल ने इस मामले में भैंसदेही अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) आदित्य रिछारिया को जांच के आदेश दिए हैं।  भैंसदेही एसडीएम आदित्य रिछारिया ने संवाददाताओं को बताया है कि झाकस ग्राम में एक आदिवासी द्वारा आत्महत्या करने की जानकारी मिली है। जिलाधिकारी ने इस आत्महत्या मामले की जांच के निर्देश दिए है। रिछारिया ने बताया कि किसान के आत्महत्या के कारणों का अभी खुलासा नहीं हुआ है।  बताया जाता है कि जिले की आदिवासी तहसील भैंसदेही के झाकस ग्राम का किसान सतीश मावसकर (35 वर्ष) मंगलवार की रात घर से निकला था और बुधवार सुबह उसका शव ग्राम के समीप खेत में बिजली टावर पर फांसी पर झूलता हुआ मिला। मृतक किसान के करीबियों का कहना है कि 20 एकड़ में खड़ी अपनी सोयाबीन फसल की बर्बादी से सतीश दुखी था।  सतीश के पिता काडमा ने बताया कि खेत से लौटकर उनके बेटे ने 20 एकड़ सोयाबीन फसल के बर्बाद होने की बात बताई थी और फसल की बर्बादी से दुखी होकर वह रोया भी था। उसके बाद वह रात को बगैर किसी को बताए घर से निकल गया था और बुधवार की सुबह उसका शव विद्युत टावर से लटकता मिला।  झाकस के ग्रामीणों का कहना है कि सतीश मजदूरी करने अकोला गया था वहीं उसकी पत्नी भागरती बाई मजदूरी करने हरदा गई हुई थी। सतीश मंगलवार को ही अकोला से लौटा था और खेत पर गया था।

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