• भारत, अमेरिका में आतंकवाद से लेकर अंतरिक्ष सहयोग पर करार

    वाशिंगटन । भारत और अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बराक ओबामा की तीसरी शिखर वार्ता की अच्छी जमीन तैयार कर दी है। दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सहित कई मुद्दों पर सहयोग का करार किया है। अमेरिका ने दोहराया है कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परषिद में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी को समर्थन देगा। ...

    वाशिंगटन । भारत और अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बराक ओबामा की तीसरी शिखर वार्ता की अच्छी जमीन तैयार कर दी है। दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सहित कई मुद्दों पर सहयोग का करार किया है। अमेरिका ने दोहराया है कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परषिद में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी को समर्थन देगा।  विभिन्न मुद्दों पर सहयोग के लिए समझौता प्रथम भारत-अमेरिका रणनीतिक एवं वाणिज्यिक संवाद के दौरान हुआ। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने इसकी सह अध्यक्षता की। भारत की वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिका के वाणिज्य मंत्री पेन्नी प्रिट्जकर ने संवाद के वाणिज्यिक हिस्से में अपने-अपने देशों का नेतृत्व किया। दोनों देश अपने द्विपक्षीय व्यापार को पांच गुना अधिक बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करना चाहते हैं। संवाद के बाद दो संयुक्त घोषणापत्र जारी हुए। एक का संबंध सिर्फ आतंकवाद से लड़ने के उपायों से है। इसमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, डी कंपनी और हक्कानी नेटवर्क के खतरों का जिक्र किया गया है, जो क्षेत्र में सुरक्षित ठिकानों से अपनी नापका गतिविधियां जारी रखे हुए हैं। इसमें 2008 के मुंबई आतंकी हमले के दोषियों को सजा देकर मामले में न्याय तक पहुंचाने की बात कही गई है। 

    दूसरे संयुक्त बयान में अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) सहित परमाणु अप्रसार के चार बड़े समूहों में भारत की सदस्यता की दावेदारी का समर्थन किया है। अमेरिका ने संयुक्त बयान में कहा है कि वह सुरक्षा परिषद में सुधार और इसमें भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है। दोनों देशों के बीच जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर दिसंबर 2015 में होने वाले महत्वाकांक्षी पेरिस समझौते के लिए मिलकर काम करने पर सहमति बनी। दोनों देशों ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। 


    संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देश पारदर्शी इंटरनेट व्यवस्था के लिए साइबर संवाद शुरू करेंगे।  दोनों देशों ने तय किया है कि अफगानिस्तान और वहां के लोगों की मदद के लिए आपस में सहयोग जारी रखा जाएगा। दोनों देशों ने ईरान के साथ परमाणु मुद्दे पर हुए अंतर्राष्ट्रीय समझौते का समर्थन किया। भारत ने कहा कि वह दोनों देशों के लोगों के बीच संवाद बढ़ाने के प्रयासों के तहत नवंबर 2015 में लॉस एंजिल्स में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन करेगा।  

    दोनों देश आर्थिक संबंध मजबूत करने के लिए 2016 में नवोन्मेष मंच की शुरुआत करेंगे। इससे दोनों देशों के उद्यमियों को आपस में नवोन्मेष के बारे में एक-दूसरे से जानने-सीखने की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। दोनों देशों ने रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर संतोष जताया।  'मेक इन इंडिया' के जरिए अमेरिका और भारत के रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग बढ़ाया जाएगा। दोनों देशों ने ऊर्जा, पर्यावरण, दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने का फैसला किया। दूसरे दौर का संवाद भारत में 2016 में होगा।

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