• एचआई के प्रतिबंध के खिलाफ अदालत पहुंचे गुरबाज

    नई दिल्ली ! अनुभवी भारतीय हॉकी खिलाड़ी गुरबाज सिंह ने अपने ऊपर लगाए गए प्रतिबंध के हॉकी इंडिया (एचआई) के फैसले को अदालत में चुनौती देने का फैसला किया है। एचआई ने गुरबाज को अनुशासन भंग करने के आरोप में नौ महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।...

    नई दिल्ली !  अनुभवी भारतीय हॉकी खिलाड़ी गुरबाज सिंह ने अपने ऊपर लगाए गए प्रतिबंध के हॉकी इंडिया (एचआई) के फैसले को अदालत में चुनौती देने का फैसला किया है। एचआई ने गुरबाज को अनुशासन भंग करने के आरोप में नौ महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। पिछले महीने एचाई की अनुशासन समिति ने गुटबाजी और भारतीय टीम के भीतर वैमनस्यता पैदा करने के आरोप में गुरबाज पर यह प्रतिबंध लगाया। भारतीय टीम के पूर्व सहायक कोच जूड फेलिक्स ने बेल्जियम के एंटवर्प में इसी साल हुए हॉकी वर्ल्ड लीग (एचडब्ल्यूएल) सेमीफाइनल्स के बाद सौंपी अपनी रिपोर्ट में गुरबाज पर यह आरोप लगाए थे। गुरबाज के पास 18 सितंबर से पहले इस फैसले को अनुशासन समिति के समक्ष चुनौती देने का विकल्प था, जिसका उन्होंने उपयोग भी किया। एचआई के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा वाली समिति हालांकि गुरबाज के तर्को से संतुष्ट नहीं हुई और प्रतिबंध हटाए जाने या कम करने के खिलाफ फैसला सुनाया। गुरबाज ने शुक्रवार को कहा, "मेरे ऊपर लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं, इसलिए मैंने अदालत जाने का फैसला किया। दुर्व्यवहार और गुटबाजी करने के ये सारे आरोप पहले ही तय कर लिए गए थे, और इनमें जरा भी सच्चाई नहीं है। मुझे न्याय प्रणाली में पूरा भरोसा है इसीलिए मैंने इस मसले को अदालत ले जाने का फैसला किया।" लगाए गए प्रतिबंध के चलते गुरबाज हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल)-2016 और इसी वर्ष दिसंबर में होने वाले हॉकी वर्ल्ड लीग (एचडबल्यूएल) फाइनल्स में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। इसके चलते अगले वर्ष ब्राजीलियाई शहर रियो डी जनेरियो में होने वाले ओलम्पिक के लिए भारतीय टीम में उनकी वापसी की भी संभावनाएं खत्म हो जाती हैं। गुरबाज डेढ़ महीने का प्रतिबंध झेल चुके हैं।


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