• आर्थिक बुनियाद की मजबूती सुनिश्चित की जाएगी : जेटली

    नई दिल्ली । अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा से कुछ घंटे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत रखी जाएगी और इसके लिए समुचित नीतिगत बदलाव किए जाएंगे, ताकि विपरीत स्थिति का सामना किया जा सके और निवेश जारी रहे। उन्होंने कहा, "ऐसी स्थिति में जब वैश्विक बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव आने ही वाला है, हम अपनी आर्थिक बुनियाद मजबूत करने में लगे हुए हैं, ताकि इन विपरीत हालात से निपटने में हमारी क्षमता मजबूत बनी रहे।" फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा आयोजित भारतीय आर्थिक सम्मेलन में उन्होंने कहा, "बिना निवेश के कोई आर्थिक गतिविधि नहीं हो सकती।"...

     

     (14:26) 

    नई दिल्ली । अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा से कुछ घंटे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत रखी जाएगी और इसके लिए समुचित नीतिगत बदलाव किए जाएंगे, ताकि विपरीत स्थिति का सामना किया जा सके और निवेश जारी रहे। उन्होंने कहा, "ऐसी स्थिति में जब वैश्विक बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव आने ही वाला है, हम अपनी आर्थिक बुनियाद मजबूत करने में लगे हुए हैं, ताकि इन विपरीत हालात से निपटने में हमारी क्षमता मजबूत बनी रहे।" फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा आयोजित भारतीय आर्थिक सम्मेलन में उन्होंने कहा, "बिना निवेश के कोई आर्थिक गतिविधि नहीं हो सकती।"


     फेडरल रिजर्व गुरुवार को मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा, जिस पर भारत सहित पूरी दुनिया के बाजारों की निगाह है। यदि फेड ब्याज दर बढ़ाता है, तो यह 2006 के बाद पहली वृद्धि होगी और इससे उभरती अर्थव्यवस्था से बड़े पैमाने पर पैसा निकालकर निवेशक अमेरिका में निवेश करेंगे, क्योंकि वहां निवेश फायदेमंद हो जाएगा। जेटली ने कहा कि व्यापार की सुविधा के घोषित लक्ष्य के साथ अगले कुछ दिनों में सभी कर विवादों को सुलझा लिया जाएगा। 

    जेटली ने पिछली तिथि के प्रभाव से लगने वाले कर की ओर इशारा करते हुए कहा, "मई 2014 में भाजपा सरकार के कार्यभार संभालने के बाद से कई कर विवादों को सुलझा लिया गया है।" उन्होंने कहा, "हम अगले कुछ दिनों में बाकी बचे विवादों को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि अन्य मुद्दों को न्यायिक प्रक्रिया या कार्यकारी प्रक्रिया के जरिये सुलझाया जा सके।"

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