• शिक्षामित्र विवाद के लिए केन्द्र जिम्मेदार

    लखनऊ ! उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा मित्रों के हालिया विवाद के लिए आज केन्द्र को जिम्मेदार ठहराते हुए देश में कक्षा दस तक समान और सरकारी मदद से अनिवार्य करने की मांग की है। राज्य के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गाेविन्द चौधरी ने एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए केन्द्रीय मानव संसाधन विकासमंत्री स्मृति ईरानी से यह मांग की।...

    लखनऊ  !  उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा मित्रों के हालिया विवाद के लिए आज केन्द्र को जिम्मेदार ठहराते हुए देश में कक्षा दस तक समान और सरकारी मदद से अनिवार्य करने की मांग की है। राज्य के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गाेविन्द चौधरी ने एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए केन्द्रीय मानव संसाधन विकासमंत्री स्मृति ईरानी से यह मांग की। श्रीमती ईरानी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ के शिक्षामंत्रियों के साथ यहां बैठक करने आयी थी। बैठक शिक्षा नीति को और कारगर बनाने के सिलसिले में आयोजित थी। श्री चौधरी ने कहा कि शिक्षा मित्रों के मामले में केन्द्र निष्पक्ष रवैया नहीं अपना रहा है। उत्तराखंड में संयुक्त प्रगतिशील गठबन्धन सरकार ने शिक्षा मित्राें को समायोजित करने की अनुमति दे दी थी जबकि केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन की इस सरकार ने महाराष्ट्र में शिक्षा मित्रों को समायोजित कराया। हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक लाख बहत्तर हजार शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के रुप में समायोजित किए जाने सम्बन्धी राज्य सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया था। डा़ राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में चार राज्यों के शिक्षामंत्रियों और अधिकारियों के साथ श्रीमती ईरानी की करीब पांच घन्टे चली बैठक के बाद श्री चौधरी और उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षामंत्री महबूब अली ने कहा कि कक्षा दस तक अनिवार्य और समान शिक्षा पूरे देश में चलनी चाहिए। इसका खर्च केन्द्र सरकार को उठाना चाहिए। शिक्षा मित्रों का मामला उठाये जाने पर श्रीमती ईरानी ने कहा कि वह इस मामले को देखेंगी। उन्होंने राज्य सरकार से कागजात उपलब्ध कराने की गुजारिश की। इससे पहले केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री ने शिक्षामित्राें के तीन सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर इस मामले को गम्भीरता से लेने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि केन्द्र इस मामले में समुचित कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा “हम आपके साथ हैं आपकी हरसम्भव मदद की जायेगी।” इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने छह सौ माडल स्कूलों को केन्द्र से मदद नहीं मिलने का मामला उठाया। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने माडल स्कूलों को लडकियों के स्कूल में तब्दील करने का सुझाव दिया। सूबे के बेसिक शिक्षामंत्री श्री चौधरी ने बाद में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने राज्य की शिक्षा व्यवस्था में आ रही कठिनाइयों को केन्द्रीय मंत्री के समक्ष पूरी ताकत से उठाया। बैठक के बाद श्रीमती ईरानी राज्यपाल राम नाईक से मिलने राजभवन गयीं और उसके बाद दिल्ली वापस लौट गयीं। यह बैठक राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाये जाने के सिलसिले में आयोजित थी। इससे पहले श्रीमती ईरानी ने पश्चिम बंगाल, बिहार, उडीसा और झारखंड के शिक्षामंत्रियों के साथ कल बैठक की थी। श्रीमती ईरानी के अनुसार शिक्षा नीति का पहला ड्राफ्ट दिसम्बर में आ जाने की सम्भावना है।


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