• श्रीलंका : भारत के 16 मछुआरों को रिहा करने का फैसला

    कोलंबो/दिल्ली ! प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की सोमवार से शुरू हो रही भारत यात्रा से पहले श्रीलंका ने सद्भावना के तौर पर भारत के 16 मछुआरों को रिहा करने का फैसला किया है। भारतीय मछुआरों को श्रीलंका के समुद्री क्षेत्र में दाखिल होने पर गिरफ्तार किया गया था। ...

    कोलंबो/दिल्ली !  प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की सोमवार से शुरू हो रही भारत यात्रा से पहले श्रीलंका ने सद्भावना के तौर पर भारत के 16 मछुआरों को रिहा करने का फैसला किया है।  भारतीय मछुआरों को श्रीलंका के समुद्री क्षेत्र में दाखिल होने पर गिरफ्तार किया गया था।  तमिलनाडु के मछुआरों की एसोसिएशन ने श्रीलंका सरकार से इन 16 मछुआरों को रिहा करने की अपील की थी।  कोलंबो गजट के मुताबिक श्रीलंका के प्रधानमंत्री के दफ्तर ने रविवार को बताया कि भारत और श्रीलंका के बीच के गहरे दोस्ताना रिश्तों को ध्यान में रखते हुए मछुआरों को रिहा करने का फैसला किया गया है। प्रधानमंत्री दफ्तर ने कहा कि भारतीय मछुआरों की एसोसिएशन की इस सिलसिले में की गई अपील को भी ध्यान में रखकर यह फैसला किया गया है। प्रधानमंत्री दफ्तर ने कहा कि बीते महीने पद संभालने के बाद विक्रमसिंघे की यह पहली विदेश यात्रा है और उन्होंने कहा है कि वह इसे महत्वपूर्ण मानते हैं कि पहली यात्रा भारत की हो। श्रीलंका सरकार ने साफ कर दिया है कि यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच के प्रस्तावित समग्र आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर बात नहीं होगी। अखबार के मुताबिक प्रधानमंत्री दफ्तर ने कहा कि विक्रमसिंघे भारतीय नेताओं के साथ घरेलू मुद्दों के साथ साथ क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर बात करेंगे। अपनी तीन दिन की यात्रा के दौरान विक्रमसिंघे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ साथ कुछ अन्य नेताओं से भी मिलेंगे। इस बीच, श्रीलंका के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश मंत्री मलिक समरविक्रमे ने इस आशय की रपट को गलत बताया है कि प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान सीईपीए पर दस्तखत होंगे। उन्होंने कहा कि कई मुद्दे हैं जिन पर दोनों देशों में सहमति नहीं बन सकी है। साथ ही श्रीलंका की आज की जरूरतों को भी ध्यान में रखना होगा।


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