• मप्र सरकार ने फिर लिया 1000 करोड़ का कर्ज

    भोपाल। राज्य सरकार पिछले चार माह से लगातार आरबीआई के माध्यम से खुले बाजार से कर्ज ले रही है। हाल ही में एक बार फिर 10 वर्षों के लिए 1000 करोड़ का कर्ज लिया गया है। इसके पहले जून में 1000, जुलाई में 1500 और अगस्त में 1500 करोड़ रुपए का कर्ज सरकार ले चुकी है। यह पहला मौका है जब बजट पारित होने के दो माह बाद से सरकार हर माह बाजार से कर्ज उठा रही है। ...

    भोपाल। राज्य सरकार पिछले चार माह से लगातार आरबीआई के माध्यम से खुले बाजार से कर्ज ले रही है। हाल ही में एक बार फिर 10 वर्षों के लिए 1000 करोड़ का कर्ज लिया गया है। इसके पहले जून में 1000, जुलाई में 1500 और अगस्त में 1500 करोड़ रुपए का कर्ज सरकार ले चुकी है। यह पहला मौका है जब बजट पारित होने के दो माह बाद से सरकार हर माह बाजार से कर्ज उठा रही है।

    इससे कहीं न कहीं सरकार की माली हालत अच्छे न होने के संकेत दिखाई दे रहे हैं। हालांकि वित्त विभाग के अधिकारी इसे वित्तीय संकट जैसी स्थिति नहीं मान रहे हैं। उनका कहना है कि राज्य की साढ़े पांच लाख करोड़ की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के तीन प्रतिशत तक कर्ज लिया जा सकता है। यही वजह है कि प्रदेश में प्रोजेक्ट डेवलपमेंट के लिए यह राशि ली जा रही है, जबकि हकीकत है कि प्रदेश में अधिकांश बड़े-बड़े प्रोजेक्टों के काम पीपीपी, बीओटी और एन्यूटी जैसे मोड पर चल रहे हैं। इनमें सरकार का पैसा लगता ही नहीं है।


    इसके बावजूद सरकार को कर्ज लेने की जरूरत पड़ रही है। प्रदेश में हर साल हजारों करोड़ का कर्ज लेने के बाद इसकी राशि में तेजी से इजाफा हो रहा है। वर्ष 2011-12 में 71478.10 करोड़, वर्ष 2012-13 में 77413.87 करोड़, वर्ष 2013-14 में 96163.64 करोड़, वर्ष 2014- 15 में 106263.64 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2015-16 में 11 सितंबर तक 109763.64 करोड़ का कर्ज हो गया है।

     

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