• तेजी से औद्योगिक विकास दर में वृद्धि

    नई दिल्ली ! विनिर्माण क्षेत्र में तेजी की बदौलत देश की औद्योगिक विकास दर जुलाई महीने में 4.2 फीसदी रही, जो जून में 3.8 फीसदी थी। यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक आंकड़े में दी गई। औद्योगिक विकास दर एक साल पहले जुलाई 2014 में 0.9 फीसदी थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी...

    नई दिल्ली !  विनिर्माण क्षेत्र में तेजी की बदौलत देश की औद्योगिक विकास दर जुलाई महीने में 4.2 फीसदी रही, जो जून में 3.8 फीसदी थी। यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक आंकड़े में दी गई। औद्योगिक विकास दर एक साल पहले जुलाई 2014 में 0.9 फीसदी थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) से संबंधित आंकड़े के मुताबिक, जुलाई में विनिर्माण क्षेत्र में तेजी के कारण औद्योगिक विकास दर में वृद्धि दर्ज की गई। सूचकांक में सर्वाधिक योगदान करने वाले विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर जुलाई में 4.7 फीसदी रही, जो जून में 4.6 फीसदी और जुलाई 2014 में नकारात्मक 0.3 फीसदी थी। इस दौरान खनन विकास दर 1.3 फीसदी रही, जो एक साल पहले समान अवधि में 0.1 फीसदी थी। जून में यह नकारात्मक 0.3 फीसदी थी। बिजली क्षेत्र की विकास दर 3.5 फीसदी रही, जो जून में 1.3 फीसदी थी और एक साल पहले जुलाई 2014 में 11.7 फीसदी थी। औद्योगिक विकास दर अप्रैल-जुलाई अवधि में समग्र तौर पर 3.5 फीसदी थी, जो एक साल पहले समान अवधि में 3.6 फीसदी थी। अप्रैल-जुलाई अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में चार फीसदी, बिजली क्षेत्र में 2.6 फीसदी और खनन क्षेत्र में 0.6 फीसदी तेजी रही। सूचकांक के उपयोग आधारित छह श्रेणियों में उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र में जुलाई में 11.4 फीसदी तेजी रही। आर्थिक गतिविधियों की परिचायक पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में इस दौरान 10.6 फीसदी तेजी रही। उपभोक्ता गैर टिकाऊ क्षेत्र में हालांकि 4.6 फीसदी गिरावट रही। जुलाई में सूचकांक में शामिल कुल 22 औद्योगिक क्षेत्रो में से 12 में तेजी रही। तेजी वाले प्रमुख क्षेत्रों में रहे प्लास्टिक मोलासेस (280.5 फीसदी), रत्न एवं आभूषण (156.1 फीसदी), एल्यूमीनियम कंडक्टर (52.8 फीसदी), चावल (37.9 फीसदी), सिगरेट (37.8 फीसदी), कार्बन स्टील (25.5 फीसदी), चमड़े के परिधान (21.8 फीसदी), परिधान (21.7 फीसदी) और रबर इंसुलेटेड केबल (20.9 फीसदी)। गिरावट वाले प्रमुख क्षेत्रों में रहे रेडी-टू-ईट (49 फीसदी), एयर कंडीशनिंग (44.7 फीसदी), ग्रिंडिंग व्हील्स (40.3 फीसदी), रंगीन टीवी (35.4 फीसदी), एंटीबायोटिक्स (26.8 फीसदी), फर्नेस ऑयल (25.8 फीसदी), बॉयलर (24.7 फीसदी) और एरेटेड वाटर एवं शीतल पेय (21.2 फीसदी)।


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