• सत्ता संग्राम के लिए बिगुल बजा लेकिन योद्धाओं के नाम तय नहीं

    पटना ! बिहार में ..सत्ता संग्राम.. के लिए बिगुल तो बज चुका है लेकिन दोनों प्रमुख दावेदार भारतीय जनता पार्टी :भाजपा: के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन :राजग: और जनता दल यूनाइटेड :जदयू: के नेता श्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाला महागठबंधन अपने अपने योद्धाओंका नाम भी तय नहीं कर पाया है ।...

    पटना !   बिहार में ..सत्ता संग्राम.. के लिए बिगुल तो बज चुका है लेकिन दोनों प्रमुख दावेदार भारतीय जनता पार्टी :भाजपा: के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन :राजग: और जनता  दल यूनाइटेड :जदयू: के नेता श्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाला महागठबंधन अपने अपने योद्धाओंका नाम भी तय नहीं कर पाया है । विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने कल तिथि की घोषणा कर दी है । अब चुनाव प्रचार के लिए एक माह से भी कम का समय रह गया है और पहले चरण के चुनाव वाले क्षेत्रों में 16 सितम्बर से नामांकन भरने की प्रक्रिया भी शुरू हो जायेगी. लेकिन राजग के घटक दल सीटों के बंटवारे और जदयू. राष्ट्रीय जनता दल :राजद: तथा कांग्रेस का महागठबंधन सीटों के चयन को लेकर हीं आपस में जूझ रहा है ।  बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से जदयू और राजद 100-100 तथा 40 सीट पर कांग्रेस के चुनावलड़ने पर सहमति बनी है लेकिन कौन किस सीट से चुनाव लड़ेगा इसका फैसला अभी नहीं हो पाया है । सूत्रों के अनुसार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कल रात इनसीटों की पहचान के लिए बैठक की लेकिन इसमें अंतिम फैसला नहीं हो सका । सूत्रों की मानें तो करीब 20 सीट को लेकर महागठबंधन के घटक दलों में पेंच फंसी हुई है जिससे बाहर निकलने की कोशिश कीजा रही है ।


    वर्ष 2010 के पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में 88 सीट पर जदयू और राजद का सीधा मुकाबला हुआ था । इस मुकाबले में 71 सीट पर जदयू और 17 सीट पर राजद ने कब्जा जमाया था । इन सीटों में 27 सीट ऐसी थी जहां जीत-हार का अंतर दस हजार मत से भी कम था । जदयू 14 और राजद 13 सीट पर दस हजार से भी कम मत के अंतर से चुनाव जीतने में सफल हुई थी । इन सीटों पर दोनों दलों ने दावेदारी की है और इसी को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है । दूसरी ओर इस महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने भी जदयू की तीन सीट पर दावेदारी की है हालांकि उसने अभी तक अपने कोटे की 40 सीट की सूची जदयू और राजद नेतृत्व को नहीं सौंपी है । सूत्रों के अनुसार जदयू. राजद और कांग्रेस की ओर से सीट के साथ उम्मीवारों के नामों की सूची देने को कहा गया है ताकि महागठबंधन के नेता हर सीट पर जातीय गणित समेत जीत की अन्य रणनीतियों को देखकर उम्मीदवारों पर फैसला कर सकें । इसके लिए यदि जरूरी हुआ तो कुछ उम्मीदवारों को महागठबंधन के किसी भी दल से चुनाव लड़ाया जा सकता है ।  वहीं भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है और सम्भावना जतायी जा रही है कि आज देर रात या कल तक इसपर अंतिम निर्णय हो जायेगा । इसके  बाद हीं राजग के घटक दल अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेंगे । ऐसे में उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार केलिए एक माह से भी कम का समय मिलेगा और इसके कारण कई उम्मीदवारों की चिंता बढ़ी हुई है ।

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