• मांझी-पासवान की जुबानी जंग में बीच-बचाव के लिए कूद पड़े सांसद चिराग

    पटना ! बिहार में विधानसभा चुनाव की तिथि की घोषणा से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल दल आपस में उलझते नजर आ रहे हैं। राजग में दलित नेता के रूप में दो चेहरे-रामविलास पासवान और जीतन राम मांझी एक-दूसरे को औकात बताने पर तुले हैं। दोनों की जुबानी जंग में बीच-बचाव करने सांसद चिराग पासवान कूद पड़े। ...

    पटना !   बिहार में विधानसभा चुनाव की तिथि की घोषणा से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल दल आपस में उलझते नजर आ रहे हैं। राजग में दलित नेता के रूप में दो चेहरे-रामविलास पासवान और जीतन राम मांझी एक-दूसरे को औकात बताने पर तुले हैं। दोनों की जुबानी जंग में बीच-बचाव करने सांसद चिराग पासवान कूद पड़े। पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के नेता जीतन राम मांझी ने मंगलवार को जहां लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष रामविलास पासवान पर निशाना साधते हुए कहा कि पासवान राष्ट्रीय ही क्यों, खुद को अंतर्राष्ट्रीय नेता बताएं, लेकिन उन्हें दूसरे के राजनीतिक करियर को कमतर नहीं आंकना चाहिए, वहीं लोजपा के सांसद और रामविलास के पुत्र चिराग पासवान ने बीच-बचाव का प्रयास करते हुए कहा कि मांझी सम्मानित नेता हैं।  मांझी ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "पासवान राष्ट्रीय नहीं, बल्कि उन्हें हम अंतर्राष्ट्रीय नेता मानते हैं, लेकिन उन्हें दूसरे के राजनीतिक करियर को कमतर नहीं आंकना चाहिए।" दरअसल, तीन सितंबर को पटना में संवाददाताओं ने पासवान से बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लकर मांझी के संदर्भ में पूछा था, क्योंकि दोनों का वोटबैंक लगभग एक ही, यानी दलित-महादलित समाज है। पासवान ने कहा था, "मांझी अभी राजग में ट्रायल में हैं और मैं राष्ट्रीय नेता हूं।" आशय यह कि पासवान चाहते हैं राजग में मांझी से ज्यादा उन्हें महत्व दिया जाए। दलित-महादलित वोट बैंक पर पकड़ के दो प्रबल दावेदारों के आपस में उलझने से बिहार के राजग में भी दरार दिखने लगी है। मांझी ने कहा कि पासवान दलितों का नेता होने का दंभ भरते हैं, लेकिन आज तक दलितों और गरीबों के हक में उन्होंने आवाज नहीं उठाई। उन्होंने कहा, "मैं 1980 से ही राजनीति में हूं। इस क्रम में मैं मुख्यमंत्री पद तक पहुंचा। पासवान बड़े नेता हैं, लेकिन जनता किसके साथ है, यह देखना होगा।"  राजग में सीटों के बंटवारे के बारे में उन्होंने कहा, "भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 'हम' ने बिना शर्त समर्थन दिया है। मांझी जो कहता है, वही करता है।" मांझी ने हालांकि कुछ ही महीने पहले कहा था कि जो उन्हें मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करेगा, वह उसी के साथ रहेंगे। राजग में शामिल होने के बाद 'मुख्यमंत्री उम्मीदवार' के अपने दावे को वह दरकिनार करते दिख रहे हैं।  इधर, मांझी के बयान पर रामविलास पासवान के पुत्र और लोजपा सांसद चिराग पासवान ने कहा कि मांझी की नाराजगी और ऐसे बयान का परिपेक्ष्य क्या है, उनकी समझ में नहीं आ रहा है।  उन्होंने कहा, "मांझी की मैं बड़ी इज्जत करता हूं। उनसे न केवल राजनीतिक, बल्कि पारिवारिक रिश्ता है। उनके बयान को लेकर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। आखिर वे क्या कहना चाहते हैं, यह नहीं समझ पा रहा हूं।" चिराग ने कहा कि मांझी के राजग में आने से राजग मजबूत हुआ है।  इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि राजग में कोई विवाद नहीं है। सीट बंटवारे को लेकर भाजपा समेत सभी दल अपनी मांग रखते हैं। राजग में दल कई हैं, लेकिन मकसद एक है, लालू और नीतीश को सत्ता से बेदखल करना।


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