• बांग्लादेश : इस्लाम को राष्ट्र धर्म बनाने के खिलाफ याचिका खारिज

    याचिका में कहा गया था कि 15वें संविधान संशोधन के जरिए धर्मनिरपेक्षता को संविधान के एक मुख्य स्तंभ के रूप में फिर से स्थापित किया गया था। ऐसे में राष्ट्र धर्म की धारा को बनाए रखने का क्या औचित्य है। ...

    ढाका। बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने देश के आधिकारिक धर्म से जुड़ी एक याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया। याचिका में कहा गया था कि क्या इस्लाम को संविधान में राष्ट्रीय धर्म घोषित करना कानून की दृष्टि से सही है। 

    उप महान्यायवादी खुरशेदुल आलम ने बताया कि न्यायाधीश इम्दादुल हक और न्यायाधीश खुर्शीद आलम सरकार ने याचिका को रद्द कर दिया।

    बीडीन्यूज24 की रपट के मुताबिक याचिका सर्वोच्च न्यायालय के वकील समेंद्र नाथ गोस्वामी ने दाखिल की थी। उन्होंने 1988 में संविधान संशोधन कर इस्लाम को राष्ट्र धर्म घोषित करने की वैधानिकता पर सवाल उठाए थे। 


    उन्होंने याचिका में कहा था कि 15वें संविधान संशोधन के जरिए धर्मनिरपेक्षता को संविधान के एक मुख्य स्तंभ के रूप में फिर से स्थापित किया गया था। ऐसे में राष्ट्र धर्म की धारा को बनाए रखने का क्या औचित्य है। 

    गोस्वामी ने अदालत से आग्रह किया था कि वह बताए कि धर्म से संबद्ध यह धारा क्यों संविधान की मूल भावना से असंगत नहीं है। विधि सचिव को मामले में प्रतिवादी बनाया गया था।

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