• मोदी सरकार का रिमोट कंट्रोल आरएसएस के पास : मायावती

    मायावती ने कहा कि आरएसएस की समन्वय बैठक से यह साफ भी होता है कि मोदी सरकार का रिमोट कंट्रोल नागपुर में संघ के मुख्यालय में है। वहीं से इस सरकार को चलाया जा रहा है। 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा महज छालावा है। ...

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्मंत्री व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने एक बार फिर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि मोदी सरकार का रिमोट कंट्रोल नागपुर में संघ के मुख्यालय में है। उन्होंने बोधगया को हाईटेक बनाने के प्रति केंद्र सरकार की उदासीनता पर भी सवाल भी उठाए।

    लखनऊ में मीडिया को जारी बयान में उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के इशारे पर काम कर रही है।

    उन्होंने कहा कि आरएसएस की समन्वय बैठक से यह साफ भी होता है कि मोदी सरकार का रिमोट कंट्रोल नागपुर में संघ के मुख्यालय में है। वहीं से इस सरकार को चलाया जा रहा है। 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा महज छालावा है।

    मायावती ने महाराष्ट्र सरकार के मंत्री या सरकार के खिलाफ बोलने पर देशद्रोह की कार्रवाई के निर्देश को लेकर भी भाजपा को आड़े हाथों लिया और कहा कि इस आदेश से भाजपा का 'फासीवादी चेहरा' खुलकर सामने आ गया है।


    बसपा प्रमुख ने मोदी सरकार की 'वन रैंक वन पेंशन' लागू करने की नीति को चुनावी रणनीति बताया। उनका इशारा बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से था।

    मायावती ने भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों पर भी जमकर निशाना साधा। पहले तो उन्होंने हाल में हुई भाजपा और संघ की समन्वय बैठक पर कटाक्ष किया, फिर कहा कि देश में गरीबी और सांप्रदायिकता बढ़ रही है, लेकिन केंद्र सरकार संविधान के प्रति समर्पण का भाव रखकर काम करने के बजाय फासीवादी मानसिकता वाले संघ के साथ 'समन्वय' साधने में लगी हुई है।

    माया ने वन रैंक वन पेंशन व्यवस्था को लागू करने को राजनीतिक कदम बताते हुए दुर्भागयपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बिहार विधानसभा आमचुनाव को देखते हुए पूर्व सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन तो दी, लेकिन उसे पूरी तरह उनके हित में नहीं बनाया।

    बसपा प्रमुख ने बोधगया को हाईटेक बनाने के प्रति केंद्र सरकार की उदासीनता पर सवाल उठाते हुए कहा कि बोधगया अध्यात्म का केंद्रबिंदु हजारों वर्षो से है, लेकिन उस क्षेत्र को अंतर्राष्ट्रीय महत्व और विश्व पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने को लेकर केंद्र सरकार उदासीन है।

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